भक्ति और सूफ़ी आंदोलन – Class 12 History Notes Chapter 6

इस पोस्ट में आप Class 12 History Notes Chapter 6 “भक्ति और सूफ़ी आंदोलन” से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी पढ़ेंगे। यहाँ आपको भक्ति आंदोलन और सूफ़ी आंदोलन की मुख्य विशेषताएँ, प्रमुख संत और उनके विचार, दोनों आंदोलनों की समानताएँ और समाज पर उनका प्रभाव सरल भाषा में समझाया गया है। यह Class 12 History Notes Chapter 6 आपको परीक्षा के लिए आवश्यक सभी नोट्स, MCQ, Short & Long Questions के साथ उपलब्ध कराता है। इस नोट्स के जरिए आप यह भी जान पाएंगे कि कैसे भक्ति और सूफ़ी आंदोलन ने भारतीय समाज और संस्कृति को प्रभावित किया।

Textbook Bihar Board / Class 12 History
Class Class 12
Subject HISTORY
Chapter Chapter – 6
Chapter Name भक्ति और सूफ़ी आंदोलन
Category Class 12 History Notes Chapter 6
Medium Hindi

Table of Contents

भक्ति और सूफ़ी आंदोलन-Class 12 History Notes Chapter 6

– एक सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक क्रांति

प्रस्तावना

भारत का मध्यकाल धार्मिक आंदोलनों का युग था, जहाँ सामाजिक असमानताओं और कट्टरता के विरोध में भक्ति और सूफ़ी आंदोलन सामने आए।
इन आंदोलनों ने मानवता, प्रेम, एकता और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया। यह आंदोलन न केवल धर्म सुधार की लहर थे, बल्कि उन्होंने समाज में गहराई से परिवर्तन किया।

1. भक्ति आंदोलन (Bhakti Movement)

मुख्य विशेषताएँ:

  • ईश्वर की भक्ति व प्रेम को सर्वोच्च माना।

  • मूर्ति पूजा और कठोर कर्मकांड का विरोध।

  • भाषा और जाति के भेदभाव के खिलाफ आवाज़।

  • स्थानीय भाषाओं में भजन व पद लिखे गए।

प्रमुख संत और उनके योगदान:

संत क्षेत्र शिक्षाएँ
रामानुज दक्षिण भारत विष्णु भक्ति, विश्व में ईश्वर की उपस्थिति
कबीर उत्तर भारत निर्गुण भक्ति, हिन्दू-मुस्लिम एकता
रैदास वाराणसी जातिवाद का विरोध, प्रेम और समानता
मीरा बाई राजस्थान कृष्ण भक्ति, वैराग्य और आत्मसमर्पण
तुकाराम महाराष्ट्र भगवान विट्ठल की भक्ति, सामाजिक सुधार
नानक देव पंजाब सिख धर्म की स्थापना, ‘एक ओंकार’ का सिद्धांत

महत्त्व:

  • जातिवाद और अंधविश्वास को चुनौती दी।

  • क्षेत्रीय भाषाओं और साहित्य को बढ़ावा मिला।

  • समाज में समरसता और भाईचारे की भावना।

2. सूफ़ी आंदोलन (Sufi Movement)

मुख्य विशेषताएँ:

  • इस्लामी धर्म का आध्यात्मिक रूप।

  • ईश्वर से प्रेम को सर्वोच्च माना गया।

  • धार्मिक रूढ़ियों और बाह्याचार का विरोध।

  • संगीत, कविता और ध्यान के माध्यम से भक्ति।

प्रमुख सूफ़ी संप्रदाय (Silas/Tariqas):

सिलसिला प्रमुख संत विशेषताएँ
चिश्ती ख़्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती (अजमेर) प्रेम, सेवा और दरवेशी
सूहरवर्दी शिहाबुद्दीन सूहरवर्दी शरीयत के पालन पर ज़ोर
क़ादरी अब्दुल क़ादिर जिलानी सरल जीवन, सेवा
नक़्शबंदी ख़्वाजा बाक़ी बिल्लाह इस्लामिक नियमों का कठोर पालन

प्रमुख सूफ़ी संत और उनके विचार:

  • ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती – “सभी धर्मों का सम्मान करो।”

  • निज़ामुद्दीन औलिया – “प्यार ही ईश्वर है।”

  • शेख सलीम चिश्ती, अमीर खुसरो – सांप्रदायिक सौहार्द, संगीत और कविता में योगदान।

महत्त्व:

  • हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल।

  • कट्टरता के विरोध में सौम्यता का मार्ग।

  • दरगाहों और खानकाहों ने सामाजिक सेवाएं दीं।

3. भक्ति और सूफ़ी आंदोलन की समानताएँ

विषय समानता
ईश्वर एक ईश्वर में विश्वास
साधना प्रेम और भक्ति का मार्ग
समाज समानता और भाईचारा
विरोध जातिवाद, अंधविश्वास, बाह्याचार

4. भक्ति और सूफ़ी आंदोलन का प्रभाव

  • धार्मिक सुधार: कर्मकांड और अंधविश्वास का विरोध।

  • सामाजिक सुधार: जातिप्रथा, स्त्री-दासता के खिलाफ स्वर।

  • भाषा-साहित्य: क्षेत्रीय भाषाओं (हिंदी, पंजाबी, मराठी, उर्दू आदि) का विकास।

  • सांस्कृतिक एकता: हिन्दू-मुस्लिम मेलजोल बढ़ा।

5. परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

✅ भक्ति आंदोलन के प्रमुख संत और उनके विचार।
✅ सूफ़ी आंदोलन के प्रमुख सिलसिले और संत।
✅ दोनों आंदोलनों की समानताएँ और प्रभाव।
✅ सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान।
✅ कबीर, नानक और चिश्ती जैसे संतों के संदेश।

भक्ति और सूफ़ी आंदोलन - Class 12 History Notes Chapter 6
भक्ति और सूफ़ी आंदोलन – Class 12 History Notes Chapter 6

Mind Map – Class 12 History Notes Chapter 6

🔵 1. भक्ति आंदोलन

  • ईश्वर से प्रेम और भक्ति का मार्ग

  • मूर्तिपूजा और कर्मकांड का विरोध

  • स्थानीय भाषाओं में रचनाएँ

  • जाति-पाति, ऊँच-नीच का विरोध

  • प्रमुख संत:

    • कबीर (निर्गुण भक्ति, हिन्दू-मुस्लिम एकता)

    • मीरा बाई (कृष्ण प्रेम)

    • संत रैदास (समानता)

    • गुरु नानक (एक ईश्वर, सेवा)

    • रामानुज, तुलसीदास, नामदेव, तुकाराम

🔵 2. सूफ़ी आंदोलन

  • इस्लामी धर्म का आध्यात्मिक रूप

  • प्रेम, सेवा और संगीत के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति

  • धार्मिक कट्टरता और बाहरी आडंबर का विरोध

  • प्रमुख सूफ़ी सिलसिले:

    • चिश्ती (मोइनुद्दीन चिश्ती, निज़ामुद्दीन औलिया)

    • सूहरवर्दी (शिहाबुद्दीन)

    • क़ादरी, नक़्शबंदी

  • खानकाह (सूफ़ी आश्रम), दरगाहें (सामाजिक एकता के केंद्र)

🔵 3. समानताएँ

  • एक ईश्वर में आस्था

  • प्रेम, भक्ति और सेवा को महत्व

  • जातिवाद और सामाजिक भेदभाव का विरोध

  • धार्मिक सहिष्णुता

  • सरल भाषा में संदेश

🔵 4. प्रभाव / योगदान

  • सामाजिक सुधार और एकता

  • क्षेत्रीय भाषाओं और साहित्य को बल

  • धार्मिक समरसता और सौहार्द

  • महिलाओं, दलितों को नई पहचान

  • हिन्दू-मुस्लिम एकता को बल मिला

🔵 5. परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • कबीर, नानक, मीरा, रैदास के विचार

  • चिश्ती और सूहरवर्दी संप्रदाय की भूमिका

  • भक्ति और सूफ़ी आंदोलन की समानताएँ

  • सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव

निष्कर्ष- Class 12 History Notes Chapter 6

भक्ति और सूफ़ी आंदोलन ने भारत में धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक एकता और मानवीय मूल्यों को पुनः स्थापित किया।
इन आंदोलनों ने धर्म को आत्मिक अनुभूति और प्रेम का मार्ग बनाया।
आज भी इनकी शिक्षाएँ एकता, प्रेम और सद्भाव के प्रतीक हैं, जो आधुनिक समाज के लिए भी प्रासंगिक हैं।

भक्ति और सूफ़ी आंदोलन - Class 12 History Notes Chapter 6
भक्ति और सूफ़ी आंदोलन – Class 12 History Notes Chapter 6

Class 12 History Notes Chapter 6 – MCQ

  1. भक्ति आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था—
    (A) जाति-पाँति की व्यवस्था को मजबूत करना
    (B) ईश्वर से सीधा संबंध स्थापित करना ✅
    (C) विदेशी शासन का विरोध करना
    (D) धन अर्जित करना
  2. भक्ति आंदोलन के प्रवर्तक माने जाते हैं—
    (A) कबीर
    (B) रामानुजाचार्य ✅
    (C) मीरा
    (D) तुलसीदास
  3. कबीर किस परम्परा से जुड़े थे?
    (A) सगुण भक्ति
    (B) निर्गुण भक्ति ✅
    (C) तांत्रिक साधना
    (D) योग साधना
  4. रामचरितमानस किस भाषा में लिखी गई?
    (A) ब्रजभाषा
    (B) अवधी ✅
    (C) संस्कृत
    (D) प्राकृत
  5. ‘भक्ति’ का शाब्दिक अर्थ है—
    (A) पूजा-पाठ
    (B) प्रेमपूर्ण उपासना ✅
    (C) यज्ञ-हवन
    (D) नियम-पालन
  6. सूफ़ी संत किस धर्म से संबंधित थे?
    (A) हिन्दू
    (B) इस्लाम ✅
    (C) बौद्ध
    (D) जैन
  7. सूफ़ी संतों का मुख्य उद्देश्य था—
    (A) धन एकत्र करना
    (B) सत्ता प्राप्त करना
    (C) प्रेम और भाईचारा फैलाना ✅
    (D) युद्ध करना
  8. चिश्ती सिलसिले के प्रवर्तक थे—
    (A) निज़ामुद्दीन औलिया
    (B) शाह वलीउल्लाह
    (C) ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ✅
    (D) फरीदुद्दीन गंजशकर
  9. ‘मानुष का तनु पाय’ किसकी रचना है?
    (A) तुलसीदास
    (B) कबीर ✅
    (C) सूरदास
    (D) रहीम
  10. नाम-जप को सरल साधना किसने माना?
    (A) नामदेव ✅
    (B) मीरा
    (C) तुलसी
    (D) रैदास
  11. सूफ़ी संतों का निवास स्थान कहलाता था—
    (A) मठ
    (B) ख़ानक़ाह ✅
    (C) दरगाह
    (D) आश्रम
  12. भक्ति आंदोलन की दो धाराएँ थीं—
    (A) योग और तंत्र
    (B) ज्ञान और कर्म
    (C) सगुण और निर्गुण ✅
    (D) शक्ति और साधना
  13. सूफ़ी संतों के गीत कहे जाते हैं—
    (A) भजन
    (B) कव्वाली ✅
    (C) आरती
    (D) आल्हा
  14. सगुण भक्ति धारा के कवि कौन हैं?
    (A) कबीर
    (B) मीरा ✅
    (C) दादू
    (D) नानक
  15. सूफ़ी संतों की कब्रगाह को क्या कहते हैं?
    (A) मठ
    (B) दरगाह ✅
    (C) मंदिर
    (D) चौपाल
  16. ‘प्रेम मार्ग कठिन है’ किसका कथन है?
    (A) तुलसीदास
    (B) कबीर ✅
    (C) सूरदास
    (D) रहीम
  17. मीरा किस देवता की उपासिका थीं?
    (A) राम
    (B) शिव
    (C) कृष्ण ✅
    (D) विष्णु
  18. भक्ति आंदोलन ने समाज में किस विचार को बढ़ावा दिया?
    (A) ऊँच-नीच
    (B) समानता ✅
    (C) धन-संपत्ति
    (D) युद्ध
  19. सूफ़ी संत किस साधना को मानते थे?
    (A) हठयोग
    (B) तपस्या
    (C) प्रेम व साधना ✅
    (D) कर्मकाण्ड
  20. भक्ति और सूफ़ी आंदोलन का साझा संदेश था—
    (A) राजसत्ता की आलोचना
    (B) मानवता और सहिष्णुता ✅
    (C) मूर्ति-पूजा
    (D) व्यापार

    भक्ति और सूफ़ी आंदोलन - Class 12 History Notes Chapter 6
    भक्ति और सूफ़ी आंदोलन – Class 12 History Notes Chapter 6

Short Question Answer – Class 12 History Notes Chapter 6

1. भक्ति आंदोलन की मुख्य विशेषता क्या थी?

उत्तर: भक्ति आंदोलन की मुख्य विशेषता यह थी कि इसमें ईश्वर से सीधा संबंध प्रेम और भक्ति के माध्यम से स्थापित करने पर ज़ोर दिया गया। इसमें जाति-पाँति, ऊँच-नीच और कर्मकाण्ड का विरोध किया गया।

2. निर्गुण और सगुण भक्ति में क्या अंतर है?

उत्तर:

  • निर्गुण भक्ति – इसमें निराकार, निरगुण, सर्वव्यापक ईश्वर की उपासना होती है (जैसे – कबीर, नानक)।
  • सगुण भक्ति – इसमें साकार रूप में भगवान की उपासना की जाती है, जैसे – राम और कृष्ण की भक्ति (तुलसी, मीरा, सूर)।

3. सूफ़ी संतों का समाज पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: सूफ़ी संतों ने समाज में प्रेम, भाईचारा और धार्मिक सहिष्णुता का संदेश दिया। उन्होंने अमीर-गरीब, हिन्दू-मुसलमान, ऊँच-नीच सभी को समान माना।

4. कबीर के उपदेशों की विशेषताएँ बताइए।

उत्तर: कबीर ने मूर्ति-पूजा, जातिवाद और कर्मकाण्ड का विरोध किया। उन्होंने सरल भाषा में “नाम-स्मरण” और “प्रेम मार्ग” को ही ईश्वर प्राप्ति का साधन बताया।

5. भक्ति और सूफ़ी आंदोलन का साझा संदेश क्या था?

उत्तर: दोनों आंदोलनों का साझा संदेश था – धार्मिक सहिष्णुता, मानवता, समानता और ईश्वर तक पहुँचने का सरल मार्ग प्रेम एवं भक्ति है।

Long Question Answer: Class 12 History Notes Chapter 6

1. भक्ति आंदोलन की उत्पत्ति और विकास पर प्रकाश डालिए।

उत्तर:
भक्ति आंदोलन का प्रारंभ दक्षिण भारत में 7वीं-8वीं शताब्दी में आलवार और नायनार संतों से हुआ। 12वीं शताब्दी में रामानुजाचार्य ने इसे संगठित रूप दिया। उत्तर भारत में यह आंदोलन 15वीं-16वीं शताब्दी में कबीर, सूर, तुलसी, मीरा, रैदास आदि संतों के माध्यम से फैला। इसका उद्देश्य था – जाति-पाँति और कर्मकाण्ड के बंधनों से मुक्त होकर सीधे ईश्वर की भक्ति करना। इस आंदोलन ने भारतीय समाज में एकता, समानता और सहिष्णुता की भावना जागृत की।

2. सगुण और निर्गुण भक्ति धाराओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
भक्ति आंदोलन की दो प्रमुख धाराएँ थीं – सगुण और निर्गुण।

  • सगुण भक्ति: इसमें ईश्वर को साकार रूप में पूजा गया। राम और कृष्ण इसके प्रमुख देवता रहे। तुलसीदास, सूरदास और मीरा इसके प्रमुख कवि थे।
  • निर्गुण भक्ति: इसमें ईश्वर को निराकार, निर्गुण और सर्वव्यापक माना गया। इसमें मूर्ति-पूजा और कर्मकाण्ड का विरोध हुआ। कबीर, गुरु नानक, दादू और रैदास इसके प्रमुख संत थे।
    दोनों धाराओं ने समाज में भक्ति, प्रेम और समानता का संदेश दिया।

3. सूफ़ी आंदोलन की मुख्य विशेषताएँ और योगदान लिखिए।

उत्तर:
सूफ़ी आंदोलन इस्लाम धर्म की रहस्यवादी धारा है। इसकी मुख्य विशेषताएँ थीं –

  • ईश्वर से सीधा संपर्क प्रेम और साधना द्वारा।
  • जात-पाँति और अमीर-गरीब का भेदभाव मिटाना।
  • भाईचारा, सहिष्णुता और मानवता का प्रचार।
  • संगीत और कव्वाली के माध्यम से उपदेश।

सूफ़ी संतों ने हिन्दू और मुसलमानों के बीच पुल का कार्य किया। उनकी खानक़ाहें जनता की सेवा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का केंद्र बनीं।

4. कबीर की शिक्षाओं का विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर:
कबीर निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख संत थे। उनकी शिक्षाएँ इस प्रकार हैं –

  • ईश्वर निराकार और सर्वव्यापक है।
  • मूर्ति-पूजा, जातिवाद और कर्मकाण्ड का विरोध।
  • प्रेम और नाम-स्मरण ही ईश्वर तक पहुँचने का साधन है।
  • हिन्दू-मुसलमान की धार्मिक संकीर्णताओं की आलोचना।
  • सरल भाषा में दोहे और साखियों के माध्यम से उपदेश।

कबीर ने समाज में समानता, सहिष्णुता और भाईचारे का संदेश फैलाया।

5. भक्ति और सूफ़ी आंदोलन का भारतीय समाज पर प्रभाव बताइए।

उत्तर:
भक्ति और सूफ़ी आंदोलन ने भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला।

  • जाति-पाँति और ऊँच-नीच की भावना कमजोर हुई।
  • समाज में भाईचारा, प्रेम और सहिष्णुता का प्रसार हुआ।
  • धर्म का आधार कर्मकाण्ड नहीं, बल्कि भक्ति और प्रेम बना।
  • साहित्य और भाषा का विकास हुआ; संतों ने अवधी, ब्रज, पंजाबी, उर्दू आदि बोलियों में रचनाएँ कीं।
  • हिन्दू और मुसलमानों के बीच सांस्कृतिक एकता मजबूत हुई।

इस प्रकार, दोनों आंदोलनों ने भारतीय समाज को मानवीय और उदार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

Conclusion: Class 12 History Notes Chapter 6 

यदि आपने इस पोस्ट को पूरा पढ़ लिया है, तो अब आपको Class 12 History Notes Chapter 6 से “भक्ति और सूफ़ी आंदोलन” के सभी महत्वपूर्ण बिंदु, संतों के योगदान, समाज पर प्रभाव और परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्न अच्छे से समझ में आ गए होंगे। यह नोट्स न केवल परीक्षा की तैयारी में मददगार है, बल्कि इसे आप दोस्तों और सहपाठियों के साथ भी शेयर कर सकते हैं ताकि वे भी आसानी से इस अध्याय को समझ सकें।

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