Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes : शैशवकाल के निवारणीय रोगों से बचाव

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes की इस लेख श्रृंखला में हम शैशवकाल से जुड़े निवारणीय रोगों, उनके लक्षणों, रोकथाम के उपायों और टीकाकरण की पूरी जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं। यह अध्याय न केवल परीक्षा दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य और देखभाल से जुड़ी बुनियादी समझ भी देता है। यदि आप बिहार बोर्ड के छात्र हैं और गृह विज्ञान विषय में बेहतर अंक लाना चाहते हैं, तो यह नोट्स आपके लिए एक बेहतरीन संसाधन है।

Table of Contents

1. शैशवकाल क्या होता है?

शैशवकाल बच्चे के जीवन का शुरुआती समय होता है, जो जन्म से लेकर लगभग 5 वर्ष की उम्र तक माना जाता है।
यह समय बच्चे के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है।

👉 इस समय बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली (immunity) कमजोर होती है, इसलिए वह आसानी से बीमारियों की चपेट में आ सकता है।

2. शैशवकाल में होने वाली निवारणीय बीमारियाँ (Preventable Diseases)

निवारणीय बीमारियाँ वे होती हैं जिनसे समय रहते सावधानी और टीकाकरण द्वारा बचाव किया जा सकता है।

मुख्य बीमारियाँ और उनके लक्षण:

बीमारी का नाम लक्षण बचाव का तरीका
1. खसरा (Measles) बुखार, नाक बहना, खांसी, शरीर पर लाल दाने MMR टीका
2. पोलियो (Polio) पैरों में कमजोरी, चलने में दिक्कत, अपंगता पोलियो ड्रॉप्स (OPV)
3. डिप्थीरिया (Diphtheria) गले में झिल्ली, बुखार, सांस लेने में कठिनाई DPT टीका
4. काली खांसी (Whooping Cough) तेज खांसी, सांस की रुकावट, उल्टी DPT टीका
5. टिटनेस (Tetanus) मांसपेशियों में अकड़न, जबड़े का बंद हो जाना TT टीका
6. हेपेटाइटिस-B थकान, पीलिया, उल्टी, जिगर में सूजन Hepatitis B वैक्सीन
7. टी.बी. (Tuberculosis) लगातार खांसी, बुखार, वजन घटना BCG टीका

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes : शैशवकाल के निवारणीय रोगों से बचाव
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3. इन रोगों से बचाव के उपाय

  1. समय पर टीकाकरण कराना
  2. ✅ नवजात को मां का पहला दूध (Colostrum) जरूर पिलाना
  3. ✅ बच्चे की साफ-सफाई का ध्यान रखना
  4. ✅ भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचाना
  5. ✅ बीमार व्यक्ति से बच्चे को दूर रखना
  6. ✅ संतुलित व पौष्टिक आहार देना
  7. ✅ टीकाकरण कार्ड को संभालकर रखना

4. टीकाकरण (Vaccination) क्या है?

टीकाकरण वह प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को रोगों से बचाने के लिए टीके (Vaccines) दिए जाते हैं।

 टीकों का उद्देश्य:

  • शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करना
  • जानलेवा बीमारियों से बचाव करना
  • बच्चे को स्वस्थ जीवन देना

5. शिशु के लिए टीकाकरण की समय-सारणी (Schedule)

उम्र दिए जाने वाले टीके
जन्म के समय BCG (टीबी), OPV-0 (पोलियो), Hep-B-1
6 सप्ताह DPT-1, OPV-1, Hep-B-2
10 सप्ताह DPT-2, OPV-2
14 सप्ताह DPT-3, OPV-3, Hep-B-3
9 महीने MMR या खसरा टीका
16-24 महीने DPT और OPV बूस्टर डोज
5 साल DPT बूस्टर-2

👉 सभी टीके सरकारी अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर निःशुल्क उपलब्ध हैं।

6. बीमारियों की पहचान कैसे करें? (लक्षणों द्वारा)

लक्षण संभावित बीमारी
बुखार + लाल चकत्ते खसरा
लगातार खांसी काली खांसी
पैरों में कमजोरी पोलियो
गले में झिल्ली, सांस रुकना डिप्थीरिया
घाव में मवाद और अकड़न टिटनेस
पेट दर्द, पीलिया हेपेटाइटिस-B
लगातार खांसी, बुखार टी.बी.

8. निष्कर्ष (Conclusion)

शैशवकाल बच्चे की नींव का समय है। यदि इस समय स्वस्थ जीवनशैली, साफ-सफाई, और समय पर टीकाकरण दिया जाए, तो बच्चा अनेक गंभीर बीमारियों से बच सकता है।
यह माता-पिता, शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

बिलकुल! नीचे मैं “शैशवकाल के निवारणीय रोगों से बचाव, बीमारियों की पहचान और टीकाकरण” टॉपिक पर आधारित 20 महत्वपूर्ण MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न) दे रहा हूँ, जो बिहार बोर्ड कक्षा 12 गृह विज्ञान की परीक्षा के लिए बहुत उपयोगी हैं।

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes : शैशवकाल के निवारणीय रोगों से बचाव
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20 MCQs – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes

1. शैशवकाल की अवधि होती है –

A) जन्म से 1 वर्ष तक
B) जन्म से 3 वर्ष तक
C) जन्म से 5 वर्ष तक
D) जन्म से 10 वर्ष तक
उत्तर: C) जन्म से 5 वर्ष तक

2. BCG का टीका किस बीमारी से बचाता है?

A) पोलियो
B) टी.बी.
C) खसरा
D) काली खांसी
उत्तर: B) टी.बी.

3. पोलियो से बचाव के लिए कौन-सा टीका दिया जाता है?

A) BCG
B) DPT
C) OPV
D) TT
उत्तर: C) OPV

4. खसरा के लक्षणों में कौन शामिल है?

A) कान दर्द
B) शरीर पर लाल दाने
C) पेशाब में जलन
D) घाव में मवाद
उत्तर: B) शरीर पर लाल दाने

5. DPT टीका किन बीमारियों से बचाता है?

A) डिप्थीरिया, पोलियो, खसरा
B) डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस
C) खसरा, मम्प्स, रूबेला
D) टी.बी., पोलियो, खसरा
उत्तर: B) डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस

6. TT टीका किस रोग से बचाव करता है?

A) खसरा
B) टिटनेस
C) पोलियो
D) मम्प्स
उत्तर: B) टिटनेस

7. खसरा से बचाव के लिए कौन-सा टीका दिया जाता है?

A) MMR
B) DPT
C) OPV
D) TT
उत्तर: A) MMR

8. जन्म के समय कौन-से टीके दिए जाते हैं?

A) BCG, OPV-0, Hep-B
B) DPT, MMR, OPV
C) DPT, TT, Hep-B
D) BCG, TT, MMR
उत्तर: A) BCG, OPV-0, Hep-B

9. शिशु को पहला DPT टीका कब दिया जाता है?

A) जन्म के समय
B) 6 सप्ताह पर
C) 3 महीने पर
D) 9 महीने पर
उत्तर: B) 6 सप्ताह पर

10. काली खांसी के लक्षण क्या हैं?

A) सांस फूलना
B) हल्का बुखार
C) तेज खांसी के दौरे
D) शरीर में सूजन
उत्तर: C) तेज खांसी के दौरे

11. हेपेटाइटिस-B से कौन प्रभावित होता है?

A) हृदय
B) जिगर
C) फेफड़े
D) आँत
उत्तर: B) जिगर

12. टीकाकरण का मुख्य उद्देश्य है –

A) बुखार को ठीक करना
B) बच्चे को स्कूल भेजना
C) गंभीर बीमारियों से सुरक्षा
D) वजन बढ़ाना
उत्तर: C) गंभीर बीमारियों से सुरक्षा

13. OPV का पूरा नाम क्या है?

A) Oral Polio Vaccine
B) Official Polio Virus
C) Oral Patient Vaccine
D) Open Polio Variation
उत्तर: A) Oral Polio Vaccine

14. BCG का पूरा नाम है –

A) Bacillus Calmette-Guerin
B) Basic Children’s Growth
C) Baby Care Guide
D) Booster Control Guide
उत्तर: A) Bacillus Calmette-Guerin

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15. निम्न में से कौन-सा रोग वायुजनित (Airborne) होता है?

A) टिटनेस
B) डिप्थीरिया
C) पोलियो
D) स्किन इन्फेक्शन
उत्तर: B) डिप्थीरिया

16. निम्न में से कौन-सा टीका मांसपेशियों में इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है?

A) पोलियो ड्रॉप
B) DPT
C) ORS
D) खसरे की गोली
उत्तर: B) DPT

17. टी.बी. का प्रमुख लक्षण क्या है?

A) तेज बुखार
B) उल्टी
C) लगातार खांसी
D) भूख बढ़ना
उत्तर: C) लगातार खांसी

18. शिशु को मां का पहला दूध क्यों देना चाहिए?

A) स्वाद अच्छा होता है
B) रंग पीला होता है
C) उसमें रोग प्रतिरोधक तत्व होते हैं
D) डॉक्टर ऐसा कहते हैं
उत्तर: C) उसमें रोग प्रतिरोधक तत्व होते हैं

19. शिशु के लिए टीकाकरण किसके द्वारा निःशुल्क किया जाता है?

A) निजी अस्पताल
B) प्राइवेट नर्सिंग होम
C) भारत सरकार
D) मेडिकल स्टोर
उत्तर: C) भारत सरकार

20. WHO द्वारा घोषित पोलियो मुक्त भारत का वर्ष है –

A) 2010
B) 2014
C) 2018
D) 2020
उत्तर: B) 2014

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परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes

प्रश्न 1: शैशवकाल में कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं?

उत्तर: खसरा, पोलियो, डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस-B और टीबी।

प्रश्न 2: पोलियो से बचाव के लिए कौन-सा टीका दिया जाता है?

उत्तर: पोलियो ड्रॉप्स (OPV)।

प्रश्न 3: BCG टीका कब और क्यों दिया जाता है?

उत्तर: जन्म के समय; यह टी.बी. से बचाव करता है।

प्रश्न 4: टीकाकरण क्यों जरूरी है?

उत्तर: यह बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाता है, मृत्यु दर घटाता है और समाज को स्वस्थ बनाता है।

प्रश्न 5: DPT टीका किन बीमारियों से बचाता है?

उत्तर: डिप्थीरिया, काली खांसी और टिटनेस।

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes : शैशवकाल के निवारणीय रोगों से बचाव
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5 Long Answer –Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes

प्रश्न 1: शैशवकाल क्या है? इस अवस्था में होने वाले निवारणीय रोगों के नाम बताइए तथा उनके लक्षण एवं रोकथाम के उपाय समझाइए।

उत्तर:

शैशवकाल बच्चे के जीवन की वह अवस्था है जो जन्म से लेकर 5 वर्ष तक होती है। यह समय बच्चे के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस समय बच्चे की प्रतिरक्षा शक्ति कमजोर होती है, जिससे वह बीमारियों की चपेट में जल्दी आ सकता है।

निवारणीय रोगों के नाम, लक्षण एवं रोकथाम:

रोग लक्षण रोकथाम
1. खसरा बुखार, खांसी, आँखें लाल, शरीर पर लाल दाने MMR टीका
2. पोलियो पैरों में कमजोरी, अपंगता OPV (पोलियो ड्रॉप)
3. डिप्थीरिया गले में झिल्ली, सांस लेने में कठिनाई DPT टीका
4. काली खांसी तेज खांसी, सांस फूलना DPT टीका
5. टिटनेस मांसपेशियों में अकड़न, जबड़ा जकड़ना TT टीका
6. टी.बी. लगातार खांसी, वजन घटना BCG टीका
7. हेपेटाइटिस-B जिगर की सूजन, पीलिया, उल्टी हेपेटाइटिस-B वैक्सीन

सारांश:
इन बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका समय पर टीकाकरण और साफ-सफाई का ध्यान रखना है।

प्रश्न 2: टीकाकरण क्या है? इसकी आवश्यकता और लाभों को विस्तार से समझाइए।

उत्तर:

टीकाकरण (Vaccination) एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से बच्चों को रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान की जाती है। इसमें बच्चे को विशेष टीके दिए जाते हैं जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करते हैं।

 टीकाकरण की आवश्यकता:

  • शिशुओं में प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है।
  • जानलेवा रोगों से सुरक्षा आवश्यक होती है।
  • समाज को रोग-मुक्त बनाना।

 टीकाकरण के लाभ:

  1. गंभीर रोगों से बचाव
  2. मृत्यु दर में कमी
  3. बच्चे का शारीरिक व मानसिक विकास बेहतर होता है
  4. समाज में रोगों का प्रसार रुकता है
  5. स्वस्थ जीवन की नींव रखता है

निष्कर्ष:
टीकाकरण एक आवश्यक और प्रभावी माध्यम है जिससे शिशु का जीवन सुरक्षित किया जा सकता है। यह माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

प्रश्न 3: शिशु के लिए टीकाकरण की समय-सारणी (Vaccination Schedule) लिखिए और प्रत्येक टीके का नाम तथा उसका उद्देश्य बताइए।

उत्तर:

भारत सरकार द्वारा शिशुओं के लिए टीकाकरण की एक निश्चित समय-सारणी निर्धारित की गई है:

उम्र टीके का नाम उद्देश्य
जन्म के समय BCG, OPV-0, हेपेटाइटिस-B टी.बी., पोलियो, हेपेटाइटिस-B से बचाव
6 सप्ताह DPT-1, OPV-1, हेपेटाइटिस-B-2 डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस
10 सप्ताह DPT-2, OPV-2
14 सप्ताह DPT-3, OPV-3, हेपेटाइटिस-B-3
9 महीने MMR या खसरा टीका खसरा, मम्प्स, रूबेला से बचाव
16-24 महीने DPT बूस्टर, OPV बूस्टर पहले दिए गए टीकों को मजबूत करना
5 साल DPT बूस्टर-2 लम्बी सुरक्षा देना

निष्कर्ष:
इस अनुसूची का पालन करके शिशु को जीवनभर गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है।

 प्रश्न 4: शिशुओं में होने वाले निवारणीय रोगों की पहचान कैसे की जाती है? उनके सामान्य लक्षण लिखिए।

उत्तर:

शिशुओं में कई रोगों के लक्षण जल्दी दिखाई देने लगते हैं। इन लक्षणों की पहचान करके समय पर इलाज और बचाव संभव होता है।

रोग सामान्य लक्षण
खसरा बुखार, नाक बहना, लाल दाने
पोलियो कमजोरी, पैरों में दर्द, चलने में परेशानी
डिप्थीरिया गले में दर्द, सांस लेने में कठिनाई
काली खांसी हांफते हुए खांसी के दौरे, उल्टी
टिटनेस मांसपेशियों में अकड़न, जबड़ा जकड़ना
टी.बी. लगातार खांसी, वजन घटना, थकावट
हेपेटाइटिस-B थकान, पीलिया, उल्टी, भूख न लगना

निष्कर्ष:
अगर शिशु में इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और समय पर टीकाकरण कराना चाहिए।

 प्रश्न 5: निवारणीय रोगों से बचाव हेतु माता-पिता और समाज की क्या भूमिका होनी चाहिए? समझाइए।

उत्तर:

निवारणीय रोगों से बचाव केवल टीकाकरण तक सीमित नहीं है। इसमें माता-पिता, समाज और सरकार की संयुक्त जिम्मेदारी होती है।

 माता-पिता की भूमिका:

  • समय पर बच्चे का टीकाकरण कराना
  • टीकाकरण कार्ड सुरक्षित रखना
  • साफ-सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना
  • संतुलित आहार देना
  • बीमार व्यक्ति से बच्चे को दूर रखना
  • पहले दूध (Colostrum) को जरूर पिलाना

 समाज और सरकार की भूमिका:

  • स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना
  • टीकाकरण शिविरों का आयोजन
  • सभी को मुफ्त टीके उपलब्ध कराना
  • आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं का सहयोग
  • स्कूलों व पंचायतों के माध्यम से प्रचार

निष्कर्ष:
बच्चे का स्वास्थ्य केवल परिवार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की है। सभी मिलकर ही एक स्वस्थ राष्ट्र बना सकते हैं।

Conclusion: Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes

उम्मीद है कि ये Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 2 Notes आपको अध्याय की बेहतर समझ और परीक्षा की मजबूत तैयारी में मदद करेंगे। शैशवकाल में रोगों से बचाव और समय पर टीकाकरण से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकता है। छात्रों को चाहिए कि वे इन बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें, याद करें और अभ्यास करें, ताकि परीक्षा में वे आत्मविश्वास से उत्तर लिख सकें।

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