Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes : असमर्थ बच्चों की विशेष आवश्यकताएँ

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes का यह हिस्सा असमर्थ बच्चों की विशेष आवश्यकताओं और उनकी देखभाल से जुड़ा है। इस अध्याय में हम सीखेंगे कि कैसे हम विकलांग बच्चों की शारीरिक, मानसिक और सामाजिक जरूरतों को समझ सकते हैं, और उन्हें सही शिक्षा और समर्थन दे सकते हैं। यह नॉलेज न केवल बच्चों की सहायता करता है, बल्कि समाज में समावेशी और सकारात्मक बदलाव लाने में भी मदद करता है। इस नोट्स के माध्यम से, छात्र असमर्थ बच्चों की विभिन्न प्रकार की विकलांगताओं, उनकी विशेष देखभाल की आवश्यकताओं, और उनके समग्र विकास के लिए जरूरी उपायों को गहराई से समझ पाएंगे।

Table of Contents

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes 

1. सबसे पहले समझो – “असमर्थ बच्चा” कौन होता है?

  मान लो एक क्लास में 30 बच्चे हैं। सब पढ़ते हैं, खेलते हैं, बातें करते हैं।
लेकिन उनमें से 2-3 बच्चे ऐसे हैं जो:

  • चल नहीं सकते ठीक से

  • बोल या सुन नहीं सकते

  • देख नहीं सकते

  • बहुत धीरे-धीरे सीखते हैं

  • या फिर बहुत गुस्सा करते हैं, शांत नहीं रहते

ऐसे बच्चों को ही हम “असमर्थ” या “विशेष आवश्यकता वाले बच्चे” कहते हैं।

ये बच्चे भी उतने ही प्यारे और समझदार होते हैं, लेकिन उन्हें थोड़ा अलग तरीके से पढ़ाने और समझाने की ज़रूरत होती है।

2. इनकी असमर्थता के प्रकार 

  (1) शारीरिक विकलांगता

जैसे कि:

  • किसी का पैर काम नहीं करता (पोलियो)

  • कोई व्हीलचेयर पर चलता है

  • कोई अपने हाथों से कुछ नहीं कर पाता

 इन्हें चलने-फिरने के लिए बैसाखी, व्हीलचेयर जैसे सहारे की ज़रूरत होती है।

 (2) दृष्टि विकलांगता 

मतलब: कम देखना या बिल्कुल न देख पाना

  • जो बच्चे देख नहीं सकते, वे ब्रेल लिपि (उभरे हुए अक्षर) से पढ़ते हैं।

  • उन्हें बोलकर चीज़ें सिखाई जाती हैं।

 (3) श्रवण विकलांगता 

मतलब: सुनाई नहीं देना

  • ये बच्चे सांकेतिक भाषा (Sign Language) का इस्तेमाल करते हैं।

  • कुछ को हियरिंग एड की ज़रूरत होती है।

 (4) बौद्धिक विकलांगता 

मतलब: दिमाग का विकास धीमा होना

  • ऐसे बच्चे धीरे-धीरे सीखते हैं।

  • उन्हें चीज़ें बार-बार समझानी पड़ती हैं।

 (5) मनोवैज्ञानिक या व्यवहारिक समस्या 

  • ये बच्चे कभी बहुत शांत रहते हैं, तो कभी बहुत चंचल।

  • कोई किसी से बात नहीं करता, अकेले रहता है।

  • किसी को गुस्सा जल्दी आता है।

 3. इन्हें क्या ज़रूरत होती है? 

 शिक्षा में सहायता

  • इन्हें कोई आम तरीका नहीं सिखा सकता।

  • इन बच्चों के लिए विशेष शिक्षक होते हैं।

  • आसान भाषा, चित्रों, ऑडियो-वीडियो से सिखाया जाता है।

 प्यार और समझ

  • ये बच्चे सबसे पहले चाहते हैं कि लोग उन्हें अपनाएं।

  • इनका मजाक न उड़ाएं।

  • इनके साथ दोस्ती करें।

 सहायता के उपकरण

  • जैसे: हियरिंग एड, ब्रेल किताबें, व्हीलचेयर, रैम्प (चढ़ाई वाली सीढ़ी)।

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 4. इनकी देखभाल कौन करेगा?

 (A) परिवार

  • सबसे पहले माँ-बाप को समझना चाहिए कि बच्चा “कमज़ोर” नहीं है, बस अलग है।

  • उन्हें प्यार दें, प्रोत्साहित करें।

 (B) शिक्षक

  • इन्हें पढ़ाने के लिए धैर्य और सहानुभूति की ज़रूरत होती है।

  • हर बच्चे की समझ के अनुसार पढ़ाना।

 (C) समाज

  • सभी को बराबरी का अधिकार देना चाहिए।

  • उन्हें स्कूल, पार्क, ऑफिस आदि में आने-जाने की सुविधा देना ज़रूरी है।

5. विशेष शिक्षा क्या है? 

  • ये एक ऐसा तरीका है जिसमें इन बच्चों को उनकी ज़रूरत और क्षमता के अनुसार पढ़ाया जाता है।

उदाहरण:

मान लो एक बच्चा सुन नहीं सकता, तो उसे आप बोलकर नहीं पढ़ा सकते।
उसे सांकेतिक भाषा या लिखित माध्यम से सिखाना होगा।
बस, यही है विशेष शिक्षा

6. समावेशी शिक्षा 

ये वो तरीका है जिसमें:

“सामान्य बच्चे और असमर्थ बच्चे एक ही क्लास में, एक साथ पढ़ते हैं।”

पर फर्क बस इतना होता है कि:

  • असमर्थ बच्चों के लिए थोड़ा विशेष ध्यान रखा जाता है।

  • जैसे उनके लिए बैठने की अलग जगह, सहायता, या उपकरण।

✅ इससे असमर्थ बच्चों को समाज में घुलने-मिलने का मौका मिलता है।
✅ भेदभाव कम होता है।

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Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes – 20 MCQs 

1. असमर्थ बच्चों का अर्थ क्या है?
A) वे बच्चे जो बहुत तेज सीखते हैं
B) वे बच्चे जिनमें कोई शारीरिक या मानसिक कमी होती है
C) वे बच्चे जो पढ़ाई में अच्छे हैं
D) वे बच्चे जो स्कूल नहीं जाते
उत्तर: B

2. पोलियो किस प्रकार की विकलांगता है?
A) दृष्टि विकलांगता
B) श्रवण विकलांगता
C) शारीरिक विकलांगता
D) बौद्धिक विकलांगता
उत्तर: C

3. ब्रेल लिपि किसके लिए उपयोगी होती है?
A) सुनने में असमर्थ बच्चों के लिए
B) बोलने में असमर्थ बच्चों के लिए
C) दृष्टिहीन बच्चों के लिए
D) मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए
उत्तर: C

4. हियरिंग एड किस प्रकार की सहायता है?
A) दृष्टि विकलांगता के लिए
B) श्रवण विकलांगता के लिए
C) शारीरिक विकलांगता के लिए
D) बौद्धिक विकलांगता के लिए
उत्तर: B

5. बौद्धिक विकलांगता का मतलब है:
A) चलने-फिरने में कठिनाई
B) मानसिक विकास में कमी
C) सुनने में कमी
D) बोलने में कठिनाई
उत्तर: B

6. असमर्थ बच्चों के लिए किस भाषा का प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है?
A) हिंदी
B) अंग्रेज़ी
C) सांकेतिक भाषा (Sign Language)
D) फ्रेंच
उत्तर: C

7. समावेशी शिक्षा का उद्देश्य क्या है?
A) असमर्थ बच्चों को अलग रखना
B) सभी बच्चों को एक साथ पढ़ाना
C) केवल सामान्य बच्चों को पढ़ाना
D) परीक्षा में भेदभाव करना
उत्तर: B

8. विशेष शिक्षा किसके लिए होती है?
A) सभी बच्चों के लिए
B) केवल सामान्य बच्चों के लिए
C) असमर्थ बच्चों के लिए
D) बड़े बच्चों के लिए
उत्तर: C

9. परिवार की भूमिका असमर्थ बच्चों के लिए क्या होती है?
A) बच्चों को छोड़ देना
B) उनका मजाक उड़ाना
C) प्यार और सहयोग देना
D) उन्हें स्कूल न भेजना
उत्तर: C

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10. किस उपकरण का उपयोग व्हीलचेयर के साथ किया जाता है?
A) ब्रेल लिपि
B) हियरिंग एड
C) बैसाखी
D) पेन और पेपर
उत्तर: C

11. दृष्टि विकलांग बच्चों के लिए सबसे उपयोगी क्या है?
A) ऑडियो-वीडियो सामग्री
B) फॉनिक्स
C) सांकेतिक भाषा
D) व्हीलचेयर
उत्तर: A

12. मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को सीखाने के लिए क्या आवश्यक है?
A) धैर्य और पुनः पुनः समझाना
B) सख्ती से पढ़ाना
C) अलग-थलग रखना
D) तंग करना
उत्तर: A

13. असमर्थ बच्चों को स्कूल में किस प्रकार की सुविधा मिलनी चाहिए?
A) भेदभाव
B) समावेशी शिक्षा
C) अलग कक्षा
D) स्कूल छोड़ना
उत्तर: B

14. विकलांग बच्चों की सामाजिक ज़रूरतें क्या होती हैं?
A) अपमान
B) सम्मान और अपनापन
C) अलगाव
D) तिरस्कार
उत्तर: B

15. असमर्थ बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है?
A) विशेष शिक्षा और प्यार
B) सजा
C) अलगाव
D) उपेक्षा
उत्तर: A

16. पोलियो से प्रभावित व्यक्ति के लिए क्या आवश्यक है?
A) व्हीलचेयर
B) हियरिंग एड
C) ब्रेल लिपि
D) कोई उपकरण नहीं
उत्तर: A

17. क्या समावेशी शिक्षा में सामान्य और असमर्थ बच्चे साथ पढ़ते हैं?
A) हाँ
B) नहीं
उत्तर: A

18. कौन-सी भाषा श्रवण विकलांग बच्चों के लिए खास होती है?
A) देवनागरी
B) सांकेतिक भाषा
C) अंग्रेज़ी
D) हिंदी
उत्तर: B

19. विशेष शिक्षा के दौरान बच्चों को क्या प्रदान किया जाता है?
A) समान शिक्षा
B) उनकी जरूरत के अनुसार शिक्षा
C) कोई शिक्षा नहीं
D) केवल खेल-कूद
उत्तर: B

20. विकलांग बच्चों को समाज में क्या मिलना चाहिए?
A) अपमान
B) समान अवसर
C) उपेक्षा
D) भेदभाव
उत्तर: B

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Short Answer Questions – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes

प्रश्न 1: “असमर्थ बच्चों” से आप क्या समझते हैं? इनके प्रकार समझाइए।

उत्तर का संकेत:

  • असमर्थ बच्चों का अर्थ (Definition)

  • उनके लक्षण

  • 5 प्रकार:

    • शारीरिक

    • दृष्टि

    • श्रवण

    • बौद्धिक

    • मनोवैज्ञानिक

  • उदाहरण सहित समझाओ

प्रश्न 2: विकलांग बच्चों की विशेष आवश्यकताएँ क्या होती हैं? उन्हें कौन-कौन सी सहायता दी जाती है?

उत्तर का संकेत:

  • शिक्षा की आवश्यकता (विशेष शिक्षक, आसान भाषा, ऑडियो-वीडियो)

  • सामाजिक ज़रूरतें (सम्मान, सहयोग)

  • मानसिक और भावनात्मक ज़रूरतें (प्यार, आत्मविश्वास)

  • सहायक उपकरण (ब्रेल, हियरिंग एड, व्हीलचेयर)

प्रश्न 3: विकलांग बच्चों की देखभाल में परिवार, शिक्षक और समाज की क्या भूमिका है?

उत्तर का संकेत:

  • परिवार: प्रेम, प्रोत्साहन, स्वीकृति

  • शिक्षक: धैर्य, विशेष शिक्षा, सहानुभूति

  • समाज: समान अवसर, सम्मान, सार्वजनिक सुविधा

प्रश्न 4: समावेशी शिक्षा क्या है? इसके लाभ और उद्देश्य लिखिए।

उत्तर का संकेत:

  • समावेशी शिक्षा की परिभाषा

  • सामान्य और असमर्थ बच्चे एक साथ पढ़ते हैं

  • लाभ:

    • आत्मविश्वास बढ़ता है

    • भेदभाव कम होता है

    • समाज में मेलजोल बढ़ता है

प्रश्न 5: विशेष शिक्षा और समावेशी शिक्षा में क्या अंतर है?

उत्तर का संकेत (तुलनात्मक तालिका):

विशेष शिक्षा समावेशी शिक्षा
अलग व्यवस्था एकसाथ पढ़ाई
केवल विकलांग बच्चों के लिए सभी बच्चों के लिए
विशेष शिक्षक सामान्य शिक्षक + सहायक
समाज से थोड़ा अलग समाज में मेलजोल
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Long Answer Questions – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes

प्रश्न 1: असमर्थ बच्चों से क्या मतलब है? इनके प्रकार समझाइए।

उत्तर:
असमर्थ बच्चे वे बच्चे होते हैं जो शारीरिक, मानसिक या व्यवहारिक कारणों से सामान्य बच्चों की तरह सीखने, चलने, बोलने या सुनने में असमर्थ होते हैं। ये बच्चे अपनी ज़रूरतों में सामान्य बच्चों से अलग होते हैं, इसलिए इन्हें विशेष ध्यान और देखभाल की आवश्यकता होती है।

असमर्थ बच्चों के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. शारीरिक विकलांगता – जब बच्चे का शरीर किसी कारण से सही ढंग से काम नहीं करता, जैसे पैर या हाथ ठीक से काम न करना (उदाहरण: पोलियो)। इन्हें चलने-फिरने में व्हीलचेयर, बैसाखी जैसे सहारे की ज़रूरत होती है।
  2. दृष्टि विकलांगता – ऐसे बच्चे जो कम या बिल्कुल नहीं देख पाते। ये ब्रेल लिपि का इस्तेमाल करके पढ़ते हैं और उन्हें समझाने के लिए विशेष ऑडियो-वीडियो सामग्री का उपयोग किया जाता है।
  3. श्रवण विकलांगता – ऐसे बच्चे जो सुन नहीं पाते या सुनने में कठिनाई होती है। ये सांकेतिक भाषा (साइन लैंग्वेज) का इस्तेमाल करते हैं और कभी-कभी हियरिंग एड की मदद लेते हैं।
  4. बौद्धिक विकलांगता – इसमें मानसिक विकास धीमा होता है, ऐसे बच्चे धीरे-धीरे सीखते हैं और बार-बार समझाने की जरूरत होती है।
  5. मनोवैज्ञानिक या व्यवहारिक विकलांगता – जैसे ऑटिज्म या ADHD, जहां बच्चे कभी शांत रहते हैं तो कभी अत्यधिक चंचल, गुस्सा जल्दी आता है, या अकेले रहना पसंद करते हैं।

प्रश्न 2: विकलांग बच्चों की विशेष आवश्यकताएँ क्या होती हैं?

उत्तर:
विकलांग बच्चों की ज़रूरतें सामान्य बच्चों से अलग होती हैं, इसलिए उनके लिए विशेष देखभाल, शिक्षा और उपकरण आवश्यक होते हैं।

  1. शिक्षा में सहायता:
    • सामान्य तरीके से पढ़ाने से ये बच्चे ठीक से नहीं सीख पाते। इसलिए इन्हें विशेष शिक्षक चाहिए जो धैर्य और सहानुभूति के साथ पढ़ाएं।
    • आसान भाषा, चित्रों, ऑडियो-वीडियो, सांकेतिक भाषा आदि माध्यमों का उपयोग होता है।
  2. सहायक उपकरण:
    • व्हीलचेयर, बैसाखी, रैम्प जैसी चलने-फिरने में सहायक वस्तुएं।
    • ब्रेल लिपि की किताबें और हियरिंग एड भी जरूरी होते हैं।
  3. प्यार और समझ:
    • सबसे ज़रूरी है कि परिवार, शिक्षक और समाज इन्हें अपनाएं। उनका मजाक न उड़ाएं, बल्कि उन्हें सम्मान और प्यार दें।
    • उनका आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए दोस्ती और सहयोग जरूरी है।
  4. शारीरिक और मानसिक देखभाल:
    • नियमित डॉक्टर के पास जाना, सही खान-पान, आराम और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना।
  5. सामाजिक समावेशन:
    • उन्हें स्कूल, पार्क, ऑफिस आदि में समान अवसर मिलें ताकि वे समाज में घुल-मिल सकें।

प्रश्न 3: विकलांग बच्चों की देखभाल में परिवार, शिक्षक और समाज की भूमिका क्या है?

उत्तर:

  1. परिवार की भूमिका:
    • परिवार सबसे पहला और महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। माता-पिता को समझना चाहिए कि बच्चा कमजोर नहीं है, बस उसे अलग तरीके से सहायता चाहिए।
    • परिवार को बच्चे को प्यार, सहयोग और प्रोत्साहन देना चाहिए ताकि वह आत्मनिर्भर बन सके।
    • परिवार को बच्चे की जरूरतों के अनुसार उसका सही इलाज और देखभाल करनी चाहिए।
  2. शिक्षक की भूमिका:
    • शिक्षक को धैर्य और सहानुभूति के साथ पढ़ाना चाहिए।
    • उन्हें बच्चों की विशेष जरूरतों के अनुसार शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।
    • शिक्षक को बच्चे के व्यवहार और मानसिक स्थिति को समझकर उन्हें उचित मार्गदर्शन देना चाहिए।
  3. समाज की भूमिका:
    • समाज को विकलांग बच्चों को समान अवसर देना चाहिए।
    • उन्हें स्कूल, सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों में सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।
    • भेदभाव, उपेक्षा और तिरस्कार से बचाकर एक समावेशी और सहायक माहौल बनाना चाहिए।

प्रश्न 4: समावेशी शिक्षा क्या है? इसके लाभ लिखिए।

उत्तर:
समावेशी शिक्षा का मतलब है कि सामान्य बच्चे और असमर्थ बच्चे एक ही कक्षा में साथ-साथ पढ़ें। इसमें असमर्थ बच्चों को उनकी विशेष जरूरतों के अनुसार थोड़ी अतिरिक्त सहायता दी जाती है।

लाभ:

  • असमर्थ बच्चे समाज में घुल-मिल पाते हैं।
  • उन्हें अलगाव महसूस नहीं होता।
  • सभी बच्चों में एक-दूसरे के लिए समझदारी और सहानुभूति बढ़ती है।
  • भेदभाव कम होता है।
  • असमर्थ बच्चे आत्मविश्वासी बनते हैं और अपने लक्ष्य तक पहुँचने में सक्षम होते हैं।
  • समाज में समानता और सहयोग की भावना बढ़ती है।

प्रश्न 5: विशेष शिक्षा क्या है? इसे समझाइए।

उत्तर:
विशेष शिक्षा एक ऐसी शिक्षा पद्धति है जिसमें असमर्थ बच्चों को उनकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार पढ़ाया जाता है। यह शिक्षा सामान्य शिक्षा से अलग होती है और इसे विशेष प्रशिक्षित शिक्षक देते हैं।

विशेष शिक्षा में बच्चों को उनकी सीखने की क्षमता, विकलांगता के प्रकार और उनकी रुचि के अनुसार अलग-अलग तरीके अपनाए जाते हैं, जैसे:

  • दृष्टिहीन बच्चों को ब्रेल लिपि से पढ़ाना।
  • श्रवण विकलांग बच्चों को सांकेतिक भाषा सिखाना।
  • मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को धैर्यपूर्वक बार-बार समझाना।
  • शारीरिक रूप से असमर्थ बच्चों को चलने-फिरने के उपकरण प्रदान करना।

इसका उद्देश्य है कि बच्चे अपने जीवन में आत्मनिर्भर बन सकें और समाज में बराबरी का स्थान पा सकें।

Conclusion – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes

Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes हमें यह सिखाते हैं कि असमर्थ बच्चे कमजोर नहीं, बल्कि विशेष देखभाल और समर्थन के हकदार होते हैं। सही समय पर उचित शिक्षा, परिवार का प्यार, और समाज का सहयोग इन्हें आत्मनिर्भर और खुशहाल जीवन जीने में मदद करता है। इस अध्याय से हमें यह भी पता चलता है कि समावेशी शिक्षा और सहायक उपकरणों के माध्यम से हम विकलांग बच्चों को समाज में बराबरी का स्थान दिला सकते हैं। इसलिए, हर बच्चे को सम्मान और समान अवसर मिलना चाहिए ताकि वे अपनी पूरी क्षमता के साथ जीवन में आगे बढ़ सकें।

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