Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes विद्यार्थियों के लिए एक बेहद उपयोगी संसाधन है, जो उन्हें बच्चों की वैकल्पिक देखभाल जैसे महत्त्वपूर्ण विषय को समझने में मदद करता है। इस अध्याय में डे-केयर, क्रेच और बालवाड़ी की भूमिका, उनकी विशेषताएँ, और बच्चों के सर्वांगीण विकास में उनका योगदान विस्तारपूर्वक बताया गया है। यदि आप इस अध्याय को अच्छे से समझना चाहते हैं, तो यह Chapter 4 Notes आपके लिए एक सटीक मार्गदर्शिका साबित होंगे।
प्रस्तावना – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
आज के आधुनिक युग में समाज और परिवार की संरचना में कई बड़े परिवर्तन हुए हैं। जहाँ पहले संयुक्त परिवारों में बच्चों की देखभाल दादा-दादी या अन्य परिजन कर लेते थे, वहीं आज अधिकांश परिवार एकल (nuclear) होते जा रहे हैं। साथ ही महिलाएँ भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने लगी हैं।
ऐसी स्थिति में जब माता-पिता खासकर माता कामकाजी होती हैं, तो बच्चों की देखभाल की समस्या सामने आती है। इस समस्या के समाधान के रूप में “वैकल्पिक देखभाल” की आवश्यकता होती है, जिसके तहत डे-केयर सेंटर, क्रेच और बालवाड़ी जैसी संस्थाएँ काम करती हैं।
fdddBihar Board Class 12 Home Science Chapter 3 Notes : बच्चों की वैकल्पिक देखभाल
वैकल्पिक देखभाल का अर्थ (Meaning of Alternative Child Care)
वैकल्पिक देखभाल का तात्पर्य ऐसी सेवाओं और व्यवस्थाओं से है जहाँ बच्चों को उस समय के लिए सुरक्षित, पोषक और शिक्षाप्रद वातावरण में रखा जाता है जब उनके माता-पिता उन्हें स्वयं नहीं संभाल सकते। विशेष रूप से यह व्यवस्था 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए होती है।
इसमें मुख्य रूप से तीन संस्थाएँ शामिल होती हैं:
- डे-केयर सेंटर
- क्रेच
- बालवाड़ी
1. डे-केयर सेंटर (Day Care Centre)
परिभाषा:
डे-केयर सेंटर एक ऐसी संस्था होती है जहाँ छोटे बच्चों की देखभाल एक निश्चित समय (अक्सर सुबह से शाम तक) के लिए की जाती है। यह सेवा खासतौर पर कामकाजी माता-पिता के लिए होती है।
विशेषताएँ:
- आमतौर पर 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चों को स्वीकार किया जाता है।
- समय सुबह 9 बजे से शाम 5 या 6 बजे तक हो सकता है।
- वहाँ प्रशिक्षित महिलाएँ (आया, शिक्षकाएँ) बच्चों की देखभाल करती हैं।
- बच्चों के खेलने, आराम करने, पढ़ने और खाने की पूरी व्यवस्था होती है।
भूमिका:
- बच्चों को सामाजिक व्यवहार सीखने का मौका मिलता है।
- उनमें आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास आता है।
- माता-पिता बिना चिंता के अपने कार्यस्थल पर काम कर सकते हैं।
- बच्चों को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा मिलती है।
2. क्रेच (Crèche)
परिभाषा:
क्रेच एक ऐसी सुविधा है जो विशेष रूप से कामकाजी महिलाओं के बच्चों के लिए होती है, जहाँ 0 से 6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल की जाती है। यह अक्सर फैक्ट्रियों, दफ्तरों, शैक्षणिक संस्थानों या सरकारी कार्यालयों के पास उपलब्ध होती है।
विशेषताएँ:
- यहाँ बच्चों को भोजन, दूध, आराम और देखभाल दी जाती है।
- बच्चों की साफ-सफाई और स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है।
- बच्चों की देखभाल प्रशिक्षित आया या सहायिकाएँ करती हैं।
भूमिका:
- विशेष रूप से नवजात और छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त।
- कामकाजी माता को बार-बार बच्चा देखने जाने की आवश्यकता नहीं होती।
- बच्चों को एक नियमित दिनचर्या में ढाला जाता है।
- बच्चे सामाजिकता और सामूहिक जीवन जीना सीखते हैं।
3. बालवाड़ी (Balwadi / Preschool)
परिभाषा:
बालवाड़ी बच्चों के पूर्व-विद्यालयी शिक्षा का केंद्र होती है, जहाँ 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। यह शिक्षा बच्चे को प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश के लिए तैयार करती है।
विशेषताएँ:
- शिक्षण पद्धति खेल आधारित होती है।
- चित्र, कविता, कहानी, नृत्य, संगीत आदि के माध्यम से शिक्षा दी जाती है।
- भाषा, गणित, सामाजिक ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है।
- यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, सामाजिक और नैतिक विकास में सहायक होती है।
भूमिका:
- बच्चों को विद्यालय के वातावरण के लिए तैयार करना।
- रचनात्मकता, कल्पनाशक्ति और सोचने की क्षमता विकसित करना।
- बच्चों को अनुशासन, समय का पालन, साझा करना सिखाना।
- माता-पिता को यह समझने में मदद मिलती है कि बच्चा स्कूल के लिए तैयार है या नहीं।
वैकल्पिक देखभाल की सामूहिक भूमिका (Collective Role of These Institutions):
पहलु | भूमिका |
---|---|
🔹 सुरक्षा | बच्चों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण देना। |
🔹 पोषण | संतुलित आहार और स्वच्छ भोजन की व्यवस्था। |
🔹 शिक्षा | प्रारंभिक शिक्षा, सोचने और सीखने की क्षमता का विकास। |
🔹 सामाजिक विकास | बच्चों को दूसरों से मेल-जोल, सहयोग और साझा करना सिखाना। |
🔹 मानसिक विकास | भावनाओं को समझना और व्यक्त करना सिखाना। |
🔹 आत्मनिर्भरता | बच्चा खुद खाने, पहनने और बुनियादी कार्यों में सक्षम बनता है। |
वैकल्पिक देखभाल की चुनौतियाँ (Challenges):
- हर क्षेत्र में अच्छी गुणवत्ता वाले केंद्र उपलब्ध नहीं हैं।
- कुछ जगहों पर स्टाफ प्रशिक्षित नहीं होता।
- साफ-सफाई और सुरक्षा की कमी हो सकती है।
- कई माता-पिता को ऐसे केंद्रों पर भरोसा नहीं होता।
- अत्यधिक भीड़ वाले क्रेच में बच्चों को पर्याप्त ध्यान नहीं मिल पाता।
समाधान / सुझाव:
- सरकार को और अधिक गुणवत्तापूर्ण क्रेच और बालवाड़ी खोलने चाहिए।
- स्टाफ का नियमित प्रशिक्षण होना चाहिए।
- माता-पिता को समय-समय पर केंद्र का निरीक्षण करना चाहिए।
- केंद्रों में साफ-सफाई, पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं का विशेष ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष : Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
आज के परिवर्तित सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश में वैकल्पिक बाल देखभाल की व्यवस्था आवश्यक हो गई है। डे-केयर, क्रेच और बालवाड़ी न केवल बच्चों की देखभाल करते हैं, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास में सहायक भी बनते हैं।
इन संस्थानों की मदद से न सिर्फ माता-पिता निर्भय होकर अपने काम कर सकते हैं, बल्कि बच्चे भी एक सुरक्षित, पोषक और शिक्षाप्रद वातावरण में विकसित होते हैं। अतः इन सेवाओं का उचित विकास और निगरानी समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है।
20 MCQ — Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
- “क्रेच” (Crèche) का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A) बच्चों को प्रारंभिक विद्यालय में दाखिला दिलाना
B) कामकाजी माता‑पिता के बच्चों की देखभाल करना जब वे बाहर कार्य कर रही हों
C) मात्र खेल‑कूद करवाना
D) उच्च‑शिक्षा देनाउत्तर: B
- डे‑केयर केंद्रों (Day‑care centres) की एक प्रमुख विशेषता क्या है?
A) केवल दो घंटे की देखभाल करना
B) बच्चों को पूरे दिन (सुबह से शाम तक) देखभाल करना
C) सिर्फ़ भोजन प्रदान करना
D) माता‑पिता ही देखभाल करेंउत्तर: B
- बालवाड़ी (Balwadi / Preschool) मुख्यतः किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए होती है?
A) 0‑1 वर्ष
B) 1‑2 वर्ष
C) 3‑6 वर्ष
D) 6‑10 वर्षउत्तर: C
- Vikalpik देखभाल (Alternative care) की आवश्यकता किस स्थिति में सबसे ज़्यादा होती है?
A) जब माता‑पिता साथ रहते हों
B) जब मां काम कर रही हो
C) जब बच्चा स्कूल में हो
D) जब बच्चा 10 वर्ष से ज्यादा होउत्तर: B
- एक अच्छे क्रेच में निम्नलिखित में से कौन‑सा सुविधा होनी चाहिए?
A) खेल का मैदान हो
B) शिक्षण उपकरण न हो
C) बच्चों का समय बताकर अकेले छोड़ देना
D) केवल एक कर्मचारी होउत्तर: A
- बालवाड़ी की भूमिका में क्या शामिल है?
A) सिर्फ शारीरिक विकास
B) भाषा विकास, सामाजिक व्यवहार, खेल‑कूद सब कुछ
C) सिर्फ़ पाठ्य पुस्तक आधारित शिक्षा
D) उम्र बढ़ने पर काम देनाउत्तर: B
- क्रेच और डे‑केयर में क्या सामान्य है?
A) दोनों में बच्चे रात भर रहते हैं
B) दोनों में माता‑पिता पूरी देखभाल छोड़ देते हैं
C) दोनों जगह देखभाल, पोषण और सुरक्षा की व्यवस्था होती है
D) दोनों शिक्षा नहीं देतेउत्तर: C
- बालवाड़ी का उद्देश्य है:
A) बच्चों को खेलने‑कूदने के लिए सीमित समय देना
B) बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना
C) शिक्षा छोड़ देना
D) केवल माता‑पिता की अनुपस्थिति में देखभाल करनाउत्तर: B
- डे‑केयर के लाभों में से एक नहीं है:
A) सामाजिक व्यवहार का विकास
B) बच्चों को दिनचर्या का अभ्यास मिलना
C) बच्चों को बड़ा‑बड़ा खाना देना
D) माता‑पिता को काम पर जाने में सुविधाउत्तर: C
- क्रेच किस जगह आमतौर पर मौजूद होती है?
A) ग्राहक‑दुकानों में
B) फैक्ट्रियों, कार्यालयों या कामकाजी स्थानों के पास
C) सिर्फ गाँवों में
D) स्कूलों मेंउत्तर: B
- “Child‑to‑staff ratio” का महत्व क्यों है?
A) बच्चों को काम करना सिखाने के लिए
B) बच्चों को कम ध्यान देने के लिए
C) प्रति स्टाफ कम संख्या होने से बच्चों को बेहतर देखभाल मिलती है
D) स्टाफ की लागत बढ़ाने के लिएउत्तर: C
- वैकल्पिक देखभाल (Alternative care) का एक उदाहरण है:
A) बोर्डिंग स्कूल
B) क्रेच
C) कॉलेज
D) ऑनलाइन कोर्सउत्तर: B
- बालवाड़ी शिक्षा में किस पद्धति का प्रयोग अधिक होता है?
A) पाठ्य‑पुस्तक आधारित कठोर शिक्षण
B) खेल‑आधारित एवं गतिविधि‑आधारित शिक्षण
C) केवल सुनना और अभ्यास करना
D) सिर्फ़ परीक्षा की तैयारीउत्तर: B
- एक अच्छी डे‑केयर केंद्र की पहचान कैसे होगी?
A) बहुत भीड़, बहुत कम स्टाफ
B) स्वच्छ वातावरण, सुरक्षित खेल स्थान, प्रशिक्षित कर्मचारी
C) सिर्फ़ आकार‑शक्ति खेल
D) माता‑पिता को बच्चे के दिन‑भर हाल‑चाल की जानकारी न देनाउत्तर: B
- “Vikalpik देखभाल” शब्द का मतलब है:
A) विद्यालय की शिक्षा
B) माता‑पिता द्वारा पूरी देखभाल
C) जब देखभाल परिवार के बाहर किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा की जाती है
D) रात की देखभाल केवलउत्तर: C
- क्रेच में बच्चों के लिए क्या‑क्या ज़रूरी हो सकता है?
A) चिकित्सकीय सुविधा या डॉक्टर कॉल पर मौजूद होना
B) सिर्फ़ खेल सामग्री
C) माता‑पिता ही भोजन लाएँ
D) कोई नियम न होउत्तर: A
- बालवाड़ी में होता है:
A) प्रारंभिक सामाजिक और भाषा विकास
B) महँगी किताबें
C) उच्च‑गणित सिखाना
D) सिर्फ़ आराम करनाउत्तर: A
- जब माता‑पिता काम पर हों और बच्चा सुरक्षित न हो, तब किस सेवा की ज़रूरत है?
A) बोर्डिंग स्कूल
B) बालवाड़ी
C) क्रेच या डे‑केयर
D) कॉलेजउत्तर: C
- क्रेच व डे‑केयर में “नियमित दिनचर्या (routine)” क्यों ज़रूरी है?
A) समय बर्बाद करने के लिए
B) बच्चों को सुरक्षा और विश्वास का भाव मिल सके
C) सिर्फ़ खाने‑पीने का समय तय हो
D) बच्चों को बस सोने लिएउत्तर: B
- बालवाड़ी शुरू करने का एक मुख्य लाभ है:
A) बच्चे अकेले पढ़ने लगेंगे
B) बच्चे मध्य‑शिक्षा त्वरित कर सकेंगे
C) बच्चे स्कूल में दाखिला लेने से पहले मानसिक एवं सामाजिक रूप से तैयार होंगे
D) केवल खेल‑कूद बढ़ेगाउत्तर: C
5 Short Questions : Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
1. क्रेच क्या होता है?
उत्तर: क्रेच एक ऐसी सुविधा है जहाँ कामकाजी माता-पिता अपने छोटे बच्चों को कार्य समय के दौरान सुरक्षित देखभाल के लिए छोड़ सकते हैं। यहाँ बच्चों को भोजन, विश्राम, देखभाल और सुरक्षा दी जाती है।
2. डे-केयर केंद्र का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
उत्तर: डे-केयर केंद्रों का उद्देश्य छोटे बच्चों की दिनभर देखभाल करना है जब उनके माता-पिता काम पर हों। ये केंद्र बच्चों को सुरक्षित, पोषक, एवं शिक्षाप्रद वातावरण प्रदान करते हैं।
3. बालवाड़ी में बच्चों को किस प्रकार की शिक्षा दी जाती है?
उत्तर: बालवाड़ी में बच्चों को खेल और गतिविधियों के माध्यम से प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है, जैसे भाषा विकास, सामाजिक व्यवहार, नैतिक मूल्यों की समझ और रचनात्मकता का विकास।
4. वैकल्पिक देखभाल की आवश्यकता क्यों होती है?
उत्तर: वैकल्पिक देखभाल की आवश्यकता तब होती है जब माता-पिता विशेषकर माँ कामकाजी होती है और बच्चों की देखभाल के लिए समय नहीं दे पाती। ऐसे में बच्चों की सुरक्षा और विकास के लिए डे-केयर, क्रेच या बालवाड़ी की ज़रूरत होती है।
5. बालवाड़ी और क्रेच में क्या अंतर है?
उत्तर:
- बालवाड़ी में 3-6 वर्ष के बच्चों को पूर्व-विद्यालयी शिक्षा दी जाती है।
- क्रेच मुख्य रूप से 0-6 वर्ष के बच्चों की देखभाल के लिए होता है जहाँ बच्चे खेलते, खाते, सोते और सुरक्षित रहते हैं।
5 Long Answer Type – Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
प्रश्न 1: वैकल्पिक बाल देखभाल से आप क्या समझते हैं? इसके प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
उत्तर:
वैकल्पिक बाल देखभाल का अर्थ उन व्यवस्थाओं से है जो माता-पिता की अनुपस्थिति में बच्चों की देखभाल, सुरक्षा, पोषण और शिक्षा सुनिश्चित करती हैं। जब माता-पिता विशेष रूप से मां कार्यरत होती हैं, तब वे अपने बच्चों को डे-केयर, क्रेच या बालवाड़ी जैसी संस्थाओं में छोड़ती हैं।
वैकल्पिक देखभाल के प्रकार:
- डे-केयर सेंटर (Day-Care):
बच्चों की दिनभर देखभाल के लिए स्थापित केंद्र। यहाँ बच्चों को खेलने, आराम करने, खाने और सीखने का अवसर मिलता है। - क्रेच (Crèche):
यह मुख्यतः 0–6 वर्ष तक के बच्चों के लिए होता है और कार्यस्थल के पास स्थित होता है। इसमें छोटे बच्चों की व्यक्तिगत देखभाल होती है। - बालवाड़ी (Balwadi):
यह 3–6 वर्ष के बच्चों को पूर्व-विद्यालयी शिक्षा देने का केंद्र होता है। खेल और गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा दी जाती है।
निष्कर्ष:
वैकल्पिक देखभाल आधुनिक समाज की एक अनिवार्यता बन गई है जो बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती है।
प्रश्न 2: डे-केयर केंद्र की विशेषताएँ और उसकी उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
डे-केयर केंद्र वे संस्थान होते हैं जहाँ माता-पिता अपने बच्चों को दिन के समय कुछ घंटों के लिए छोड़ सकते हैं। यहाँ बच्चों की सुरक्षा, भोजन, आराम और प्रारंभिक शिक्षा का ध्यान रखा जाता है।
विशेषताएँ:
- बच्चों की उम्र: 6 माह से 6 वर्ष तक
- समय: प्रायः सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक
- प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा देखभाल
- खेल, भोजन, नींद और पढ़ाई की व्यवस्था
- नियमित दिनचर्या
उपयोगिता:
- माता-पिता को निश्चिंत होकर काम करने की सुविधा
- बच्चों का सामाजिक, मानसिक और शारीरिक विकास
- बच्चों में आत्मनिर्भरता और अनुशासन का विकास
- बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा मिलती है
निष्कर्ष:
डे-केयर न केवल बच्चों की देखभाल करता है, बल्कि उन्हें सामाजिकता, आत्मनिर्भरता और सीखने की दिशा में भी विकसित करता है।
प्रश्न 3: क्रेच क्या होता है? इसकी विशेषताएँ एवं लाभ लिखिए।
उत्तर:
क्रेच एक ऐसी सुविधा है जहाँ कामकाजी महिलाएँ अपने छोटे बच्चों को छोड़कर कार्यस्थल पर जा सकती हैं। यह मुख्यतः 0–6 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल के लिए होता है।
विशेषताएँ:
- शिशु और छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त
- व्यक्तिगत देखभाल की व्यवस्था
- स्वास्थ्य, पोषण, नींद, और मनोरंजन की सुविधाएँ
- आमतौर पर कार्यस्थल के पास स्थित
लाभ:
- बच्चों को सुरक्षित माहौल
- कामकाजी महिलाओं को मानसिक शांति
- बच्चों की नियमित दिनचर्या बनती है
- सामाजिक विकास को बढ़ावा मिलता है
- बच्चों में आत्मविश्वास का विकास होता है
निष्कर्ष:
क्रेच बच्चों के प्रारंभिक विकास के लिए एक सशक्त माध्यम है और कामकाजी महिलाओं के लिए यह एक उपयोगी संसाधन बन चुका है।
प्रश्न 4: बालवाड़ी की परिभाषा दीजिए और इसकी भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बालवाड़ी एक पूर्व-विद्यालयी शिक्षा केंद्र है जहाँ 3 से 6 वर्ष के बच्चों को स्कूल में प्रवेश से पूर्व शिक्षा दी जाती है। यह शिक्षा खेल और गतिविधियों के माध्यम से दी जाती है।
बालवाड़ी की भूमिका:
- शैक्षणिक विकास:
- अक्षर, संख्या, रंग, आकार की पहचान
- भाषा विकास एवं सोचने की क्षमता का विकास
- सामाजिक विकास:
- दूसरे बच्चों के साथ मिलजुल कर रहना
- अनुशासन और सहयोग की भावना
- नैतिक विकास:
- अच्छे-बुरे का अंतर
- आदतों और व्यवहार में सुधार
- शारीरिक विकास:
- खेलकूद और गतिविधियों से शारीरिक क्षमता का विकास
- भावनात्मक विकास:
- आत्मविश्वास और आत्म-निर्भरता का विकास
- भावनाओं को व्यक्त करना सीखना
निष्कर्ष:
बालवाड़ी बच्चों को विद्यालय के लिए तैयार करने का एक अहम पड़ाव है, जहाँ उनका समग्र विकास सुनिश्चित किया जाता है।
प्रश्न 5: वैकल्पिक देखभाल सेवाओं की आवश्यकता और चुनौतियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वैकल्पिक देखभाल सेवाएँ जैसे कि क्रेच, डे-केयर और बालवाड़ी आज के सामाजिक परिवेश में अनिवार्य हो गई हैं, खासकर तब जब माता-पिता कामकाजी हों।
आवश्यकता:
- कार्यरत माता-पिता की बढ़ती संख्या
- एकल परिवारों में सहायक का न होना
- बच्चों के लिए सुरक्षित और शिक्षाप्रद वातावरण
- महिलाओं की शिक्षा और स्वतंत्रता में वृद्धि
चुनौतियाँ:
- गुणवत्ता की कमी:
कई संस्थाओं में प्रशिक्षित स्टाफ और संसाधनों की कमी होती है। - साफ-सफाई और सुरक्षा:
सभी केंद्रों में यह सुनिश्चित नहीं होती। - भरोसे की कमी:
माता-पिता को बच्चों को बाहर छोड़ने में संदेह होता है। - महंगी सेवाएँ:
अच्छी सुविधाओं वाले केंद्रों की फीस अधिक होती है। - मानसिक भावनात्मक दूरी:
कभी-कभी बच्चे माता-पिता से दूर रहकर भावनात्मक रूप से असुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
हालाँकि वैकल्पिक देखभाल सेवाएँ समय की मांग हैं, परन्तु इनकी गुणवत्ता, सुरक्षा और सुलभता पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
Conclusion: Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes
Bihar Board Class 12 Home Science Chapter 4 Notes का अध्ययन करके विद्यार्थी यह समझ सकते हैं कि आधुनिक समाज में बच्चों की देखभाल के लिए वैकल्पिक संस्थाओं की क्या भूमिका है और ये बच्चों के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास में कैसे सहायक होती हैं। यदि आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं, तो इन Home Science Chapter 3 Notes की मदद से आप उत्तरों को बेहतर ढंग से याद कर पाएंगे और अच्छे अंक भी प्राप्त कर सकते हैं।
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