अगर आप Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi की तलाश में हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। इस अध्याय “संसाधन और विकास” में हम समझेंगे कि हमारे जीवन में जल, वन, खनिज और ऊर्जा जैसे प्राकृतिक संसाधन कितने महत्वपूर्ण हैं। इस नोट्स में आपको मिलेगा:
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संसाधन की परिभाषा और उनके प्रकार
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भारत में संसाधनों का वितरण
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नवीकरणीय और अ-नवीकरणीय संसाधनों के बीच का अंतर
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संसाधनों से जुड़ी मुख्य समस्याएं
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सतत विकास और संसाधन संरक्षण के उपाय
यह नोट्स खासकर हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए तैयार किया गया है ताकि वे परीक्षा से पहले तेज़ और प्रभावी रिवीजन कर सकें। हमारे Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi में सरल भाषा का उपयोग किया गया है ताकि आपके कांसेप्ट मजबूत हों और आप परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
अवलोकन
“संसाधन और विकास” अध्याय का मुख्य उद्देश्य यह समझना है कि प्राकृतिक संसाधनों का किस प्रकार विकास, प्रबंधन और संरक्षण किया जाए ताकि सतत विकास (Sustainable Development) सुनिश्चित किया जा सके। यह अध्याय चार मुख्य संसाधनों पर केंद्रित है – जल, वन, खनिज और ऊर्जा संसाधन।
1. संसाधन की परिभाषा एवं वर्गीकरण
परिभाषा:
संसाधन वे सभी तत्व हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होते हैं और जिनका उपयोग तकनीकी ज्ञान और सामाजिक-आर्थिक योग्यता के आधार पर किया जा सकता है।
वर्गीकरण:
🔹 (क) उत्पत्ति के आधार पर
- प्राकृतिक संसाधन: सूर्य, जल, मृदा, वन, खनिज
- मानव संसाधन: श्रम, बुद्धिमत्ता, शिक्षा
🔹 (ख) पुनः पूर्ति की क्षमता के आधार पर
- नवीकरणीय संसाधन (Renewable): जल, वायु, वन, सौर ऊर्जा
- अ-नवीकरणीय संसाधन (Non-renewable): खनिज, कोयला, पेट्रोलियम
🔹 (ग) उपयोग के स्तर पर
- संभावित संसाधन: अभी उपयोग में नहीं लाए गए लेकिन भविष्य में संभावित
- विकसित संसाधन: उपयोग हेतु तैयार
2. जल संसाधन (Water Resources)
महत्त्व:
- जीवन के लिए आवश्यक
- कृषि, उद्योग, ऊर्जा उत्पादन, नगरों व गाँवों की जलापूर्ति
जल संसाधनों के स्रोत:
- वर्षा (मुख्य स्रोत)
- हिमनद (Glaciers)
- नदियाँ – गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, सिंधु, गोदावरी, कृष्णा
- भूजल (Groundwater)
- झीलें, तालाब
समस्याएँ:
- जल का असमान वितरण – पूर्वी भारत में अधिक, पश्चिम में कमी
- अत्यधिक दोहन – कृषि में अत्यधिक उपयोग, बर्बादी
- प्रदूषण – औद्योगिक कचरा, घरेलू अपशिष्ट
- भूमिगत जल का ह्रास – शहरीकरण के कारण गिरता जल स्तर
जल संरक्षण के उपाय:
- वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting)
- छोटे बांधों एवं झीलों का निर्माण
- जल पुनर्चक्रण
- टपक सिंचाई (Drip Irrigation)
- जागरूकता अभियान
महत्वपूर्ण परियोजनाएं:
- भाखड़ा-नांगल (पंजाब)
- हीराकुंड (ओडिशा)
- तुंगभद्रा (कर्नाटक)
3. वन संसाधन (Forest Resources)
महत्त्व:
- पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना
- मृदा अपरदन रोकना
- औषधीय पौधे, लकड़ी, रबर, चारा प्रदान करना
- वर्षा को आकर्षित करना
भारत में वनों का वितरण:
- भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का ~24.62%
- घने वन – पूर्वोत्तर भारत, पश्चिमी घाट, हिमालय क्षेत्र
- झाड़ीदार वन – राजस्थान, गुजरात
वनों की हानि के कारण:
- कृषि हेतु भूमि विस्तार
- शहरीकरण और औद्योगीकरण
- अवैध लकड़ी कटाई
- विकास परियोजनाएं (बांध, सड़कें)
संरक्षण के उपाय:
- वन संरक्षण अधिनियम, 1980
- सामाजिक वानिकी – गाँवों में पौधरोपण
- वन महोत्सव – हर साल वृक्षारोपण अभियान
- सामुदायिक भागीदारी – जैसे चिपको आंदोलन (उत्तराखंड)
4. खनिज संसाधन (Mineral Resources)
परिभाषा:
खनिज वे प्राकृतिक रासायनिक पदार्थ हैं जो पृथ्वी की परतों में पाए जाते हैं, और आर्थिक दृष्टि से उपयोगी होते हैं।
प्रकार:
🔹 (1) धात्विक खनिज:
- लौह अयस्क (Iron Ore): झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़
- बॉक्साइट (Bauxite): ओडिशा, गुजरात
- मैंगनीज, तांबा, जस्ता
🔹 (2) अधात्विक खनिज:
- चूना पत्थर (Limestone), अभ्रक (Mica), डोलोमाइट
🔹 (3) ऊर्जा खनिज:
- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, यूरेनियम
भारत के प्रमुख खनिज क्षेत्र:
राज्य | प्रमुख खनिज |
---|---|
झारखंड | कोयला, लोहा, तांबा |
ओडिशा | बॉक्साइट, क्रोमाइट |
राजस्थान | चूना पत्थर, अभ्रक |
कर्नाटक | लौह अयस्क, सोना |
समस्याएँ:
- सीमित भंडार
- अवैज्ञानिक खनन
- पर्यावरणीय क्षति
- खनिजों का असमान वितरण
संरक्षण उपाय:
- टिकाऊ खनन (Sustainable Mining)
- पुनर्चक्रण (Recycling)
- खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग
- वैकल्पिक सामग्री का प्रयोग
5. ऊर्जा संसाधन (Energy Resources)
प्रकार:
🔹 (1) पारंपरिक ऊर्जा स्रोत:
- कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत, परमाणु ऊर्जा
🔹 (2) अपरंपरागत (वैकल्पिक) स्रोत:
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- बायोगैस
- भूतापीय ऊर्जा
- समुद्री ऊर्जा
भारत में ऊर्जा की स्थिति:
- कुल ऊर्जा का लगभग 55% कोयले से आता है
- पेट्रोलियम आयात पर निर्भरता
- अक्षय ऊर्जा की बढ़ती भूमिका
ऊर्जा संकट के कारण:
- जनसंख्या वृद्धि
- उद्योगों की बढ़ती माँग
- संसाधनों का सीमित भंडार
ऊर्जा संरक्षण के उपाय:
- अक्षय ऊर्जा का विकास
- ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग
- ऊर्जा साक्षरता अभियान
सतत विकास (Sustainable Development)
परिभाषा:
ऐसा विकास जो वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करे, बिना भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को बाधित किए।
मुख्य तत्व:
- संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग
- पारिस्थितिक संतुलन
- सामाजिक समावेशन
- पर्यावरणीय सुरक्षा
Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi | संसाधन और विकास | सम्पूर्ण नोट्स PDF
20 Objective Questions-Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi
Q1. संसाधन का सही परिभाषा क्या है?
A. वह वस्तु जो केवल प्राकृतिक हो
B. जो मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करे
C. जो जीवित प्राणी उत्पन्न करें
D. केवल खनिज पदार्थ
🔹 उत्तर: B. जो मनुष्य की आवश्यकताओं को पूरा करे
Q2. नवीकरणीय संसाधन का उदाहरण क्या है?
A. कोयला
B. पेट्रोलियम
C. जल
D. यूरेनियम
🔹 उत्तर: C. जल
Q3. भारत में सबसे अधिक वर्षा किस क्षेत्र में होती है?
A. राजस्थान
B. पश्चिम बंगाल
C. मेघालय
D. उत्तर प्रदेश
🔹 उत्तर: C. मेघालय
Q4. वन संरक्षण अधिनियम किस वर्ष लागू हुआ था?
A. 1972
B. 1980
C. 1992
D. 2001
🔹 उत्तर: B. 1980
Q5. भारत में सबसे अधिक वन क्षेत्र किस राज्य में है?
A. झारखंड
B. छत्तीसगढ़
C. मध्य प्रदेश
D. ओडिशा
🔹 उत्तर: C. मध्य प्रदेश
Q6. भूजल स्तर गिरने का मुख्य कारण क्या है?
A. वर्षा की अधिकता
B. बांध निर्माण
C. अत्यधिक दोहन
D. मिट्टी अपरदन
🔹 उत्तर: C. अत्यधिक दोहन
Q7. ‘सामाजिक वानिकी’ का क्या उद्देश्य है?
A. उद्योगों का विकास
B. शहरों का विस्तार
C. सामुदायिक वृक्षारोपण
D. खनिज उत्खनन
🔹 उत्तर: C. सामुदायिक वृक्षारोपण
Q8. भारत का प्रमुख लौह अयस्क उत्पादक राज्य कौन-सा है?
A. राजस्थान
B. झारखंड
C. महाराष्ट्र
D. गुजरात
🔹 उत्तर: B. झारखंड
Q9. निम्नलिखित में से कौन सा खनिज अधात्विक है?
A. तांबा
B. अभ्रक
C. लोहा
D. बॉक्साइट
🔹 उत्तर: B. अभ्रक
Q10. सतत विकास का प्रमुख उद्देश्य क्या है?
A. उद्योगों का विकास
B. खनिजों का अधिक दोहन
C. भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति
D. कृषि विस्तार
🔹 उत्तर: C. भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति
Q11. जल संसाधन को प्रदूषित करने वाला मुख्य कारण क्या है?
A. वर्षा जल
B. घरेलू अपशिष्ट
C. जंगल
D. पहाड़ों की मिट्टी
🔹 उत्तर: B. घरेलू अपशिष्ट
Q12. ‘भाखड़ा नांगल परियोजना’ किस नदी पर बनी है?
A. यमुना
B. सतलज
C. गंगा
D. नर्मदा
🔹 उत्तर: B. सतलज
Q13. बायोगैस किससे प्राप्त होती है?
A. कोयले से
B. गैसोलीन से
C. जैविक अपशिष्ट से
D. खनिज तेल से
🔹 उत्तर: C. जैविक अपशिष्ट से
Q14. निम्नलिखित में से कौन-सा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोत है?
A. कोयला
B. पेट्रोल
C. सौर ऊर्जा
D. डीजल
🔹 उत्तर: C. सौर ऊर्जा
Q15. ‘चिपको आंदोलन’ किससे संबंधित है?
A. बिजली उत्पादन से
B. वनों की रक्षा से
C. जलसंरक्षण से
D. खनिज खनन से
🔹 उत्तर: B. वनों की रक्षा से
Q16. अभ्रक का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन-सा है?
A. बिहार
B. राजस्थान
C. झारखंड
D. तमिलनाडु
🔹 उत्तर: C. झारखंड
Q17. ऊर्जा संकट का मुख्य कारण क्या है?
A. अधिक वर्षा
B. जनसंख्या वृद्धि
C. वन कटाई
D. नदीयों का सूखना
🔹 उत्तर: B. जनसंख्या वृद्धि
Q18. कोयले का सर्वाधिक उपयोग किसके लिए होता है?
A. वाहन ईंधन
B. बिजली उत्पादन
C. सड़क निर्माण
D. सिंचाई
🔹 उत्तर: B. बिजली उत्पादन
Q19. परमाणु ऊर्जा किससे प्राप्त होती है?
A. कोयला
B. बॉक्साइट
C. यूरेनियम
D. पेट्रोलियम
🔹 उत्तर: C. यूरेनियम
Q20. भारत सरकार द्वारा चलाया गया ‘जल शक्ति अभियान’ किससे संबंधित है?
A. जल संरक्षण
B. सौर ऊर्जा
C. बायोगैस उत्पादन
D. खनिज दोहन
🔹 उत्तर: A. जल संरक्षण
Short Questions and Answers-Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi
Q1. संसाधन किसे कहते हैं?
उत्तर:
संसाधन वे प्राकृतिक या मानव निर्मित तत्व होते हैं जो मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होते हैं और जिनका उपयोग सामाजिक, आर्थिक तथा तकनीकी ज्ञान के अनुसार किया जा सकता है।
Q2. सतत विकास क्या है?
उत्तर:
सतत विकास वह प्रक्रिया है जिसमें संसाधनों का ऐसा विवेकपूर्ण उपयोग किया जाए जिससे वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताएं पूरी हों और भविष्य की पीढ़ी की आवश्यकताएं भी बाधित न हों।
Q3. भारत में जल संकट के प्रमुख कारण क्या हैं?
उत्तर:
भारत में जल संकट के मुख्य कारण हैं –
- असमान वर्षा वितरण
- अत्यधिक जल दोहन
- जल प्रदूषण
- शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण बढ़ती मांग
Q4. वन संसाधनों का महत्व क्या है?
उत्तर:
वन पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं, मृदा अपरदन रोकते हैं, वर्षा लाते हैं, जैव विविधता को संरक्षित करते हैं और औषधियाँ, लकड़ी, चारा आदि प्रदान करते हैं।
Q5. नवीकरणीय और अ-नवीकरणीय संसाधनों में क्या अंतर है?
उत्तर:
- नवीकरणीय संसाधन ऐसे संसाधन होते हैं जो पुनः प्राप्त हो सकते हैं, जैसे – जल, वायु, सूर्य की ऊर्जा।
- अ-नवीकरणीय संसाधन सीमित मात्रा में होते हैं और एक बार समाप्त होने पर पुनः प्राप्त नहीं किए जा सकते, जैसे – कोयला, पेट्रोलियम, खनिज।
Long Answer Questions -Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi
प्रश्न 1: जल संसाधनों के महत्व, समस्याएँ तथा संरक्षण उपायों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
जल जीवन के लिए अनिवार्य संसाधन है। इसका उपयोग पीने, कृषि, उद्योग, विद्युत उत्पादन, घरेलू कार्य आदि में होता है।
🔹 भारत में जल की समस्याएँ:
- असमान वितरण – कुछ क्षेत्रों में अधिक वर्षा, कुछ में कम
- अत्यधिक दोहन – कृषि और उद्योगों में अनियंत्रित जल उपयोग
- भूजल स्तर में गिरावट
- जल प्रदूषण – औद्योगिक अपशिष्ट, घरेलू गंदगी
- जल की बर्बादी – अव्यवस्थित सिंचाई प्रणाली
🔹 संरक्षण के उपाय:
- वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting)
- टपक सिंचाई और फव्वारा सिंचाई
- गंदे जल का पुनर्चक्रण
- जन जागरूकता अभियान
- बहुउद्देशीय परियोजनाओं का विकास – जैसे भाखड़ा नांगल, हीराकुंड
जल का संरक्षण सतत विकास के लिए आवश्यक है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी जल का लाभ उठा सकें।
प्रश्न 2: भारत में वन संसाधनों का महत्व, ह्रास के कारण एवं संरक्षण उपायों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
वन प्रकृति द्वारा प्रदत्त एक अमूल्य संसाधन हैं। ये पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं तथा विभिन्न प्रकार की जैव विविधता को संरक्षण प्रदान करते हैं।
🔹 महत्त्व:
- जलवायु नियंत्रित करना
- वर्षा में सहायक
- मृदा अपरदन रोकना
- औषधियों, लकड़ी, चारे, रबर आदि का स्रोत
- जीव-जंतुओं का आवास
🔹 वन ह्रास के कारण:
- कृषि विस्तार
- शहरीकरण व औद्योगीकरण
- अवैध लकड़ी कटाई
- विकास परियोजनाएँ – जैसे बाँध, सड़क
- खनिज उत्खनन
🔹 संरक्षण के उपाय:
- वन संरक्षण अधिनियम, 1980
- सामाजिक वानिकी और वन महोत्सव
- वनों का पुनः रोपण (Reforestation)
- जनभागीदारी – जैसे चिपको आंदोलन
- जैव विविधता पार्कों की स्थापना
वनों का संरक्षण पर्यावरण की सुरक्षा और सतत विकास के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 3: भारत में खनिज संसाधनों का वितरण, महत्व और संरक्षण के उपाय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
खनिज संसाधन भारत की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये ऊर्जा, निर्माण, परिवहन, कृषि आदि क्षेत्रों में उपयोगी होते हैं।
🔹 प्रमुख खनिज और उनके क्षेत्र:
खनिज | क्षेत्र |
---|---|
लौह अयस्क | झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ |
बॉक्साइट | ओडिशा, महाराष्ट्र |
कोयला | झारखंड, पश्चिम बंगाल |
अभ्रक | झारखंड, राजस्थान |
चूना पत्थर | मध्य प्रदेश, राजस्थान |
🔹 समस्याएँ:
- खनिजों का सीमित भंडार
- अवैज्ञानिक खनन
- पर्यावरणीय क्षति
- क्षेत्रीय असमानता
- पुनः उपयोग की व्यवस्था का अभाव
🔹 संरक्षण के उपाय:
- टिकाऊ खनन प्रणाली अपनाना
- खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग
- पुनर्चक्रण और पुनः उपयोग को बढ़ावा
- वैकल्पिक संसाधनों का विकास
- कठोर खनन नीतियाँ लागू करना
खनिज संसाधनों का संरक्षण भविष्य की औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न 4: ऊर्जा संसाधनों के प्रकार, स्थिति, समस्याएँ एवं संरक्षण उपायों पर विस्तृत टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
ऊर्जा संसाधन आधुनिक जीवन की रीढ़ हैं। इनके बिना औद्योगिक, परिवहन, कृषि और घरेलू कार्य संभव नहीं हैं।
🔹 ऊर्जा संसाधनों के प्रकार:
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोत: कोयला, पेट्रोलियम, जल विद्युत, परमाणु ऊर्जा
- वैकल्पिक (अपरंपरागत) स्रोत: सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, बायोगैस, भूतापीय ऊर्जा
🔹 भारत की ऊर्जा स्थिति:
- कोयला सबसे प्रमुख स्रोत (~55%)
- पेट्रोलियम का अधिकांश भाग आयात किया जाता है
- नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है
🔹 ऊर्जा संकट के कारण:
- जनसंख्या वृद्धि
- उद्योगों की बढ़ती मांग
- खनिज ऊर्जा स्रोतों का सीमित भंडार
- ऊर्जा की बर्बादी
- अक्षय ऊर्जा तकनीक की कमी
🔹 संरक्षण के उपाय:
- वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहन
- ऊर्जा दक्ष उपकरणों का प्रयोग
- जन जागरूकता अभियान
- सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा
- ऊर्जा नीति में सुधार
ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण देश की आत्मनिर्भरता और सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है।
प्रश्न 5: संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग और सतत विकास में क्या संबंध है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग वह प्रक्रिया है जिसमें संसाधनों का संतुलित, नियोजित और सीमित उपयोग किया जाता है ताकि वे लंबे समय तक टिक सकें।
🔹 विवेकपूर्ण उपयोग के लाभ:
- संसाधनों की दीर्घकालीन उपलब्धता
- पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना
- सामाजिक और आर्थिक समानता
- भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति
- सतत विकास की स्थापना
🔹 सतत विकास के तत्व:
- पारिस्थितिक संतुलन
- सामाजिक समानता
- आर्थिक न्याय
- पर्यावरणीय सुरक्षा
🔹 दृष्टिकोण:
यदि हम संसाधनों का अत्यधिक दोहन करते हैं तो प्राकृतिक आपदाएँ, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता का नाश जैसे संकट उत्पन्न होते हैं। अतः संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग ही सतत विकास का आधार है।
Conclusion: Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi
उम्मीद है कि आपको हमारे द्वारा प्रस्तुत यह संसाधन और विकास नोट्स पसंद आए होंगे। अगर यह जानकारी आपको समझने में मददगार लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें ताकि वे भी लाभ उठा सकें।
हमने पूरी कोशिश की है कि Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi को आसान, स्पष्ट और परीक्षा उपयोगी बनाया जाए। अगर आपको यह नोट्स अच्छे लगे हों, तो कमेंट करके जरूर बताएं।
याद रखें — संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग और सतत विकास ही हमारे बेहतर भविष्य की कुंजी है। 📘🌱
FAQs – Class 12 Geography Chapter 7 Notes in Hindi
1. संसाधन क्या होते हैं?
उत्तर: संसाधन वे प्राकृतिक या मानव निर्मित तत्व होते हैं जो मानव जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायता करते हैं। जैसे जल, वन, खनिज, ऊर्जा आदि।
2. संसाधनों के कितने प्रकार होते हैं?
उत्तर: संसाधन मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं –
- नवीकरणीय संसाधन: जो प्राकृतिक रूप से पुनः बनते हैं, जैसे जल, वायु, वन।
- अ-नवीकरणीय संसाधन: जो सीमित मात्रा में होते हैं, जैसे कोयला, पेट्रोलियम।
- मानव संसाधन: मानव की बुद्धि, श्रम, तकनीकी ज्ञान।
3. सतत विकास क्या है और यह क्यों आवश्यक है?
उत्तर: सतत विकास वह प्रक्रिया है जिसमें वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा किया जाता है बिना भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को खतरे में डाले। यह इसलिए जरूरी है ताकि संसाधनों का संरक्षण हो और प्राकृतिक संतुलन बना रहे।
4. भारत में प्रमुख खनिज संसाधन कहाँ पाए जाते हैं?
उत्तर: भारत में प्रमुख खनिज संसाधन जैसे कोयला, लोहा, बॉक्साइट मुख्यतः झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पाए जाते हैं।
5. संसाधनों के दोहन से क्या समस्याएँ होती हैं?
उत्तर: संसाधनों का अत्यधिक और अनियंत्रित दोहन पर्यावरण प्रदूषण, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, पारिस्थितिक असंतुलन, और जैव विविधता के नुकसान जैसी समस्याएं पैदा करता है।