Class 12 History Chapter 11 Notes के अंतर्गत हम भारत के इतिहास की एक बेहद महत्वपूर्ण घटना – 1857 का विद्रोह – का विस्तृत अध्ययन करेंगे। यह सिर्फ एक सैन्य विद्रोह नहीं, बल्कि भारत के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक वर्गों के बीच छिपे हुए असंतोष का सशक्त प्रदर्शन था।
इस ब्लॉग में आपको Class 12 History Chapter 11 Notes के अंतर्गत 1857 के विद्रोह से जुड़े सभी प्रमुख बिंदुओं की गहराई से जानकारी दी गई है – जैसे कि विद्रोह के कारण, प्रमुख नेता और केंद्र, विद्रोह की विशेषताएँ, असफलता के कारण, इसके परिणाम, और अंत में Objective और Descriptive Questions के उत्तर भी शामिल हैं।
यह लेख विशेष रूप से Bihar Board और NCERT के छात्रों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
Textbook | Bihar Board / NCERT |
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Class | Class 12 |
Subject | HISTORY |
Chapter | Chapter – 11 |
Chapter Name | 1857 का विद्रोह (The Revolt of 1857) |
Category | Class 12 History Chapter 11 Notes |
Medium | Hindi |
Class 12 History Chapter 11 Notes – 1857 का विद्रोह (The Revolt of 1857)
✧ प्रस्तावना-Class 12 History Chapter 11 Notes
1857 का विद्रोह भारत के इतिहास में पहला संगठित और बड़ा विद्रोह था, जिसे कई इतिहासकारों ने “प्रथम स्वतंत्रता संग्राम” (First War of Independence) कहा है।
यह विद्रोह सिर्फ एक सैन्य बगावत नहीं था, बल्कि यह भारतीय समाज के अलग-अलग वर्गों – किसानों, ज़मींदारों, राजाओं, तालुकेदारों और आम जनता – की ब्रिटिश शासन के विरुद्ध असंतोष की अभिव्यक्ति थी।
✧ विद्रोह के प्रमुख कारण
1. राजनीतिक कारण
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डॉक्ट्रिन ऑफ लैप्स (Doctrine of Lapse): दत्तक पुत्र को उत्तराधिकारी न मानने की नीति (डलहौज़ी द्वारा)
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झाँसी, सतारा, नागपुर, अवध जैसे राज्यों का हड़पना
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भारतीय राजाओं का अपमान
2. आर्थिक कारण
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भारी कर प्रणाली और लगान
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देसी उद्योगों का पतन
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किसान और कारीगर आर्थिक तंगी में
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ज़मींदारों की ज़मीनें छीनना
3. सामाजिक और धार्मिक कारण
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सती प्रथा, ठगी प्रथा का उन्मूलन (भले ही सुधारवादी हों, पर लोगों को बाहरी हस्तक्षेप लगा)
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अंग्रेज़ों का ईसाई धर्म प्रचार
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जाति-व्यवस्था में हस्तक्षेप का डर
4. सेनाओं में असंतोष
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भारतीय सैनिकों को कम वेतन, पदोन्नति नहीं
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जाति और धर्म की उपेक्षा
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चर्बी वाले कारतूस (Greased Cartridges) – गाय और सूअर की चर्बी से बने कारतूस
विद्रोह के कारण
कारण | उदाहरण / विवरण |
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राजनीतिक | दत्तक नीति, राज्यों का विलय |
आर्थिक | कर वसूली, व्यापार का पतन |
धार्मिक-सामाजिक | ईसाई धर्म का डर, जाति प्रथा में हस्तक्षेप |
सैनिक | वेतन भेदभाव, चर्बी वाला कारतूस विवाद |
✧ विद्रोह की शुरुआत
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📍 स्थान: मेरठ (10 मई, 1857)
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📍 प्रसिद्ध सैनिक: मंगल पांडे (बरकपुर में चर्बी वाले कारतूस का विरोध किया)
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📍 फैलाव: दिल्ली, कानपुर, झाँसी, अवध, बिहार, लखनऊ, आदि
✧ विद्रोह के प्रमुख केंद्र और नेता
केंद्र | नेता / नेतृत्व |
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दिल्ली | बहादुर शाह ज़फ़र (प्रतीकात्मक नेतृत्व) |
कानपुर | नाना साहेब, तात्या टोपे |
झाँसी | रानी लक्ष्मीबाई |
अवध / लखनऊ | बेगम हज़रत महल |
बिहार | कुंवर सिंह |
बरेली | ख़ान बहादुर ख़ान |
✧ विद्रोह की विशेषताएँ
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कई क्षेत्रों में एक साथ फैलाव
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सेना के साथ आम जनता की भागीदारी
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हिंदू-मुस्लिम एकता की भावना
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स्थानीय शासकों की सक्रियता
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धार्मिक भावनाओं की भूमिका
❗ लेकिन यह पूरे भारत में नहीं फैला – पंजाब, बंगाल, मद्रास, बॉम्बे शांत रहे।
✧ असफलता के कारण
कारण | विवरण |
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नेतृत्व की कमी | राष्ट्रीय स्तर पर कोई केंद्रीय नेतृत्व नहीं था |
आपसी तालमेल का अभाव | क्षेत्रीय नेताओं में समन्वय नहीं था |
सीमित क्षेत्र | दक्षिण और पूर्वी भारत शामिल नहीं थे |
आधुनिक हथियारों की कमी | अंग्रेजों के पास बेहतर हथियार और संचार व्यवस्था थी |
विश्वासघात | कुछ भारतीय राजाओं और सैनिकों ने अंग्रेजों का साथ दिया |
Mind Map – Class 12 History Chapter 11 Notes
1857 का विद्रोह
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कारण
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राजनीतिक: दत्तक नीति, राज्यों का विलय
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आर्थिक: भारी कर, कारीगरों का पतन
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सामाजिक-धार्मिक: धार्मिक हस्तक्षेप, कारतूस विवाद
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सैनिक असंतोष: वेतन, पदोन्नति, कारतूस विवाद
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शुरुआत
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स्थान: मेरठ
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तारीख: 10 मई 1857
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अग्रदूत: मंगल पांडे
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मुख्य केंद्र और नेता
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दिल्ली – बहादुर शाह ज़फ़र
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झाँसी – रानी लक्ष्मीबाई
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कानपुर – नाना साहेब
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अवध – बेगम हज़रत महल
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बिहार – कुंवर सिंह
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विशेषताएँ
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सैनिक और आम जनता की भागीदारी
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हिंदू-मुस्लिम एकता
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विभिन्न क्षेत्रों में फैलाव
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असफलता के कारण
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नेतृत्व की कमी
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तकनीकी कमजोरी
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क्षेत्रीय एकता का अभाव
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कुछ राजाओं का अंग्रेज़ों का साथ देना
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परिणाम
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कंपनी शासन का अंत
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ब्रिटिश सरकार का भारत पर नियंत्रण
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सेना पुनर्गठन
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“फूट डालो और राज करो” नीति
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Class 12 History Chapter 11 Notes – विद्रोह के प्रमुख नेता और केंद्र
क्षेत्र | नेता | विशेषताएँ |
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दिल्ली | बहादुर शाह ज़फ़र | प्रतीकात्मक सम्राट |
झाँसी | रानी लक्ष्मीबाई | अद्भुत वीरता, अंग्रेजों से घमासान युद्ध |
कानपुर | नाना साहेब | पेशवा बाजीराव द्वितीय के उत्तराधिकारी |
अवध | बेगम हज़रत महल | लखनऊ का नेतृत्व, नबाव वाजिद अली शाह की पत्नी |
बिहार | कुंवर सिंह | बुज़ुर्ग लेकिन वीर स्वतंत्रता सेनानी |
परिणाम
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अंग्रेजों ने विद्रोह को बर्बरता से कुचला
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1858 में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त
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भारत का शासन सीधे ब्रिटिश क्राउन (रानी विक्टोरिया) के अधीन
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सेना का पुनर्गठन – भारतीय सैनिकों की संख्या घटाई
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हिंदू-मुस्लिम एकता से डरकर अंग्रेजों ने “फूट डालो और राज करो” नीति अपनाई