Class 12 History Notes Chapter-3 | बंधुत्व, जाति और वर्ग

इस पोस्ट में आप Class 12 History Notes Chapter-3 “बंधुत्व, जाति और वर्ग – वैदिक कालीन समाज” से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ पढ़ेंगे। यहाँ आपको वैदिक कालीन समाज की सामाजिक संरचना, वर्ण व्यवस्था, गृहस्थाश्रम, महिलाओं की स्थिति, शिक्षा और गुरुकुल प्रणाली के बारे में सरल भाषा में समझाया गया है। यह Class 12 History Notes Chapter-3 विद्यार्थियों के लिए परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इस नोट्स में MCQ, Short और Long Questions के साथ-साथ समाज और वर्ग व्यवस्था के महत्वपूर्ण पहलुओं को भी शामिल किया गया है।

Textbook NCERT
Class Class 12
Subject HISTORY
Chapter Chapter 3
Chapter Name बंधुत्व, जाति और वर्ग – वैदिक कालीन समाज
Category Class 12 History Notes Chapter-3
Medium Hindi
Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग
Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग

Table of Contents

बंधुत्व, जाति और वर्ग Class 12 History Notes Chapter-3

1. प्रस्तावना

वैदिक कालीन समाज (1500 ईसा पूर्व से 600 ईसा पूर्व तक) भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय है। इस समाज में परिवार, गोत्र, जनजाति, बंधुत्व और जाति-व्यवस्था की नींव रखी गई। ऋग्वेद, सामवेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद जैसे ग्रंथ हमें उस समय के सामाजिक जीवन की झलक देते हैं। धीरे-धीरे यह समाज बंधुत्व आधारित जनजातीय व्यवस्था से जाति और वर्ग आधारित जटिल समाज की ओर बढ़ा।

2. परिवार और बंधुत्व

  • वैदिक समाज की मूल इकाई परिवार (कुल) थी।
  • परिवार के मुखिया को गृहपति कहा जाता था।
  • कई परिवार मिलकर गोत्र बनाते थे और अनेक गोत्र मिलकर जन (जनजाति) कहलाते थे।
  • जनजातियों का नेतृत्व राजन (राजा) करता था, जिसे जनता का सहयोग और सभा का समर्थन प्राप्त होता था।
  • समाज की पहचान शुरू में बंधुत्व (kinship) और रक्त-संबंधों पर आधारित थी।

3. प्रारंभिक वैदिक समाज (ऋग्वैदिक काल)

  • समाज समानता-प्रधान था।
  • गो-पालन और पशुपालन मुख्य जीवन-निर्वाह के साधन थे।
  • लोग मिलकर काम करते और संसाधनों का समान वितरण होता।
  • नारी की स्थिति अच्छी थी – वह यज्ञ में भाग ले सकती थी, शिक्षा प्राप्त करती थी।
  • जाति-व्यवस्था कठोर नहीं थी, पेशे व्यक्ति की इच्छा या योग्यता पर आधारित थे।

4. उत्तर वैदिक समाज (1000 ई.पू. – 600 ई.पू.)

  • कृषि का विकास हुआ, लोहे के औजारों का प्रयोग बढ़ा।
  • जनजातियाँ स्थायी गाँवों और नगरों में बसने लगीं।
  • सामाजिक असमानताएँ उभरने लगीं।
  • पुरुष प्रधानता बढ़ी और स्त्रियों की स्थिति कमजोर होने लगी।
  • बंधुत्व पर आधारित समाज अब जाति और वर्ग आधारित समाज में बदलने लगा।

5. जाति-व्यवस्था का विकास

  • उत्तर वैदिक काल में समाज चार मुख्य वर्णों में बाँटा गया :
    1. ब्राह्मण – ज्ञान, शिक्षा और यज्ञ का कार्य
    2. क्षत्रिय – शासन और युद्ध का कार्य
    3. वैश्य – कृषि, पशुपालन और व्यापार
    4. शूद्र – सेवा और श्रम कार्य
  • इस विभाजन का आधार पुरुषसूक्त (ऋग्वेद) में बताया गया है।
  • प्रारंभिक काल में यह विभाजन कठोर नहीं था, लेकिन बाद में जन्म पर आधारित जाति-व्यवस्था बन गई।

6. वर्ग का उभार

  • जाति व्यवस्था के साथ-साथ आर्थिक असमानताएँ भी बढ़ीं।
  • धनी और निर्धन वर्ग बनने लगे।
  • बड़े ज़मींदार और व्यापारी सम्पन्न हुए, जबकि छोटे किसान और श्रमिक निर्भर बन गए।
  • समाज में श्रम का बँटवारा स्थायी हो गया।

7. नारी की स्थिति

  • ऋग्वैदिक काल में – स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार, यज्ञों में भागीदारी, स्वतंत्र जीवन।
  • उत्तर वैदिक काल में – स्त्रियों की स्वतंत्रता घटी, उन्हें घरेलू भूमिकाओं तक सीमित किया गया।
  • बाल विवाह और बहुविवाह जैसी प्रथाएँ फैलने लगीं।

8. धार्मिक जीवन

  • ऋग्वैदिक काल में – प्राकृतिक देवताओं की पूजा (इंद्र, वरुण, अग्नि, सूर्य)।
  • यज्ञ और स्तुति ही मुख्य साधन थे।
  • उत्तर वैदिक काल में – ब्राह्मणों की श्रेष्ठता बढ़ी, यज्ञ जटिल और महंगे हो गए।
  • कर्मकांड प्रधान धर्म का विकास हुआ।

9. विशेषताएँ (संक्षेप में)

  1. समाज की नींव बंधुत्व और जनजाति पर आधारित थी।
  2. प्रारंभिक वैदिक काल = समानता, स्वतंत्रता, स्त्रियों की बेहतर स्थिति।
  3. उत्तर वैदिक काल = कृषि विकास, सामाजिक असमानता, जाति और वर्ग विभाजन।
  4. चार वर्णों की व्यवस्था (ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र)।
  5. स्त्रियों की स्थिति धीरे-धीरे कमजोर हुई।
  6. आर्थिक और सामाजिक असमानताओं ने जटिल समाज का निर्माण किया।

    Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग
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Flowchart – Class 12 History Notes Chapter-3

1. परिवार और बंधुत्व

  • परिवार = मूल इकाई

  • गृहपति = मुखिया

  • गोत्र → जन → जनजाति

  • राजन (राजा) = जनजाति का नेता

2. प्रारंभिक वैदिक समाज (ऋग्वैदिक काल)

  • पशुपालन व कृषि

  • समानता-प्रधान

  • नारी की अच्छी स्थिति

  • जाति का कठोर विभाजन नहीं

3. उत्तर वैदिक समाज

  • कृषि का विस्तार, लोहे के औज़ार

  • स्थायी गाँव और नगर

  • सामाजिक असमानता का उभार

  • स्त्रियों की स्थिति कमजोर

4. जाति और वर्ण व्यवस्था

  • ब्राह्मण – ज्ञान और यज्ञ

  • क्षत्रिय – शासन और युद्ध

  • वैश्य – कृषि, व्यापार, पशुपालन

  • शूद्र – सेवा और श्रम

  • जन्म-आधारित कठोर जाति व्यवस्था

5. वर्ग और असमानता

  • धनी-निर्धन वर्ग का विभाजन

  • ज़मींदार और व्यापारी सम्पन्न

  • छोटे किसान और श्रमिक निर्भर

6. धर्म और रीति-रिवाज

  • प्राकृतिक देवताओं की पूजा (ऋग्वैदिक काल)

  • यज्ञ और कर्मकांड (उत्तर वैदिक काल)

  • ब्राह्मणों की श्रेष्ठता बढ़ी

7. नारी की स्थिति

  • प्रारंभिक काल → स्वतंत्र और सम्मानित

  • उत्तर काल → सीमित स्वतंत्रता, घरेलू जीवन तक बंधन

    Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग
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 निष्कर्ष- Class 12 History Notes Chapter-3

वैदिक समाज का इतिहास हमें यह बताता है कि भारतीय समाज ने जनजातीय-बंधुत्व व्यवस्था से लेकर जाति और वर्ग आधारित ढाँचे तक लंबी यात्रा की।
शुरुआत में समानता और स्वतंत्रता थी, परंतु समय के साथ असमानता, पितृसत्ता और जाति-व्यवस्था हावी हो गई।
यही वैदिक कालीन समाज की विशेषता है, जिसने आगे चलकर भारतीय समाज के ढाँचे को गहराई से प्रभावित किया।

MCQ – Class 12 History Notes Chapter-3

  1. वैदिक समाज की मुख्य सामाजिक इकाई क्या थी?
    (A) परिवार ✅
    (B) राज्य
    (C) गांव
    (D) मठ
  2. वैदिक समाज में पुरुषों और महिलाओं का सामाजिक स्थिति किस पर आधारित थी?
    (A) आय
    (B) जाति और धर्म ✅
    (C) उम्र
    (D) शिक्षा
  3. वैदिक समाज में ‘वर्ण’ प्रणाली का मुख्य उद्देश्य क्या था?
    (A) युद्ध जीतना
    (B) सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना ✅
    (C) व्यापार बढ़ाना
    (D) शिक्षा देना
  4. ब्राह्मण वर्ग का प्रमुख कार्य क्या था?
    (A) कृषि
    (B) पूजा और शिक्षा ✅
    (C) व्यापार
    (D) युद्ध
  5. क्षत्रिय वर्ग का मुख्य कार्य क्या था?
    (A) युद्ध और सुरक्षा ✅
    (B) कृषि
    (C) सेवा
    (D) व्यापार
  6. वैश्य वर्ग का मुख्य व्यवसाय क्या था?
    (A) युद्ध
    (B) व्यापार और कृषि ✅
    (C) पूजा
    (D) शिक्षण
  7. शूद्रों का मुख्य कार्य क्या था?
    (A) पूजा
    (B) कृषि और सेवा ✅
    (C) शिक्षा
    (D) शासन
  8. वैदिक कालीन समाज में महिलाओं की स्थिति किस रूप में थी?
    (A) स्वतंत्र और समान ✅
    (B) पूरी तरह पुरुषों के अधीन
    (C) केवल गृहिणी
    (D) कोई भूमिका नहीं
  9. वैदिक समाज में ब्राह्मणों की भूमिका क्या थी?
    (A) केवल शिक्षा देना
    (B) धार्मिक अनुष्ठान और शिक्षा ✅
    (C) केवल शासन
    (D) व्यापार

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  10. ‘सातवाहन’ और ‘वैदिक काल’ का संबंध किससे था?
    (A) राजनीतिक
    (B) सामाजिक और आर्थिक ✅
    (C) धार्मिक
    (D) सांस्कृतिक
  11. वैदिक समाज में सामूहिक निर्णय कहाँ लिए जाते थे?
    (A) मंदिर
    (B) ग्राम सभा ✅
    (C) राज्य
    (D) मठ
  12. वैदिक समाज में ‘गृहस्थाश्रम’ किसका प्रतीक था?
    (A) शिक्षा
    (B) विवाह और सामाजिक जिम्मेदारी ✅
    (C) धर्म
    (D) राजनीति
  13. उपनिषदों में सामाजिक कर्तव्यों का उल्लेख किसके लिए किया गया?
    (A) सभी वर्गों ✅
    (B) केवल ब्राह्मण
    (C) केवल क्षत्रिय
    (D) केवल वैश्य
  14. वैदिक समाज में दास या दासी का स्थान क्या था?
    (A) समान
    (B) सेवा और श्रम कार्य ✅
    (C) शिक्षा
    (D) शासन
  15. वैदिक कालीन कृषि का प्रमुख साधन क्या था?
    (A) हल और बीज ✅
    (B) मशीन
    (C) बिजली
    (D) पशु उपयोग नहीं
  16. वैदिक समाज में ‘गुरुकुल’ का उद्देश्य क्या था?
    (A) शिक्षा और संस्कार ✅
    (B) युद्ध
    (C) व्यापार
    (D) शासन
  17. वैदिक काल में सामाजिक असमानता किसके आधार पर थी?
    (A) धन
    (B) जन्म और वर्ण ✅
    (C) आयु
    (D) कौशल
  18. ब्राह्मणों को कौन सा अधिकार प्राप्त था?
    (A) केवल पूजा
    (B) धार्मिक अनुष्ठान और मंत्र पढ़ना ✅
    (C) सेना
    (D) व्यापार
  19. वैदिक समाज में क्षत्रियों का आदर्श क्या था?
    (A) शिक्षा
    (B) बहादुरी और राज्य रक्षा ✅
    (C) खेती
    (D) पूजा
  20. वैदिक समाज का मुख्य लक्ष्य क्या था?
    (A) सामाजिक व्यवस्था और धर्म पालन ✅
    (B) व्यापार
    (C) युद्ध
    (D) स्वतंत्रता

    Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग
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 Short Answer Questions – Class 12 History Notes Chapter-3

1. वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था का उद्देश्य क्या था?

उत्तर: वर्ण व्यवस्था का उद्देश्य समाज में सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना और प्रत्येक वर्ग को विशेष कार्य और कर्तव्य सौंपना था।

2. ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र के मुख्य कार्य बताइए।

उत्तर:

  • ब्राह्मण: पूजा, शिक्षा और धार्मिक अनुष्ठान।
  • क्षत्रिय: युद्ध और राज्य की रक्षा।
  • वैश्य: व्यापार और कृषि।
  • शूद्र: सेवा और श्रम कार्य।

3. वैदिक समाज में महिलाओं की स्थिति कैसी थी?

उत्तर: आरंभिक वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति सम्मानजनक और स्वतंत्र थी, वे शिक्षा प्राप्त कर सकती थीं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले सकती थीं।

4. वैदिक समाज में ‘गुरुकुल’ का महत्व क्या था?

उत्तर: गुरुकुल शिक्षा और संस्कार का केंद्र था। बच्चों को यहाँ धर्म, नीति, युद्धकला और संस्कार सिखाए जाते थे।

5. वैदिक समाज में सामाजिक असमानता किस पर आधारित थी?

उत्तर: सामाजिक असमानता जन्म, वर्ण और जाति के आधार पर निर्धारित होती थी।

Class 12 History Notes Chapter-3 बंधुत्व, जाति और वर्ग
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 Long Answer Questions – Class 12 History Notes Chapter-3

1. वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था और प्रत्येक वर्ग का महत्व लिखिए।

उत्तर:
वैदिक समाज में वर्ण व्यवस्था चार मुख्य वर्गों में थी – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। ब्राह्मण धार्मिक अनुष्ठान और शिक्षा के जिम्मेदार थे। क्षत्रिय राज्य और सेना की रक्षा करते थे। वैश्य व्यापार और कृषि में लगे रहते थे। शूद्र सेवा और श्रम कार्य करते थे। इस व्यवस्था का उद्देश्य समाज में संतुलन बनाए रखना और प्रत्येक वर्ग को निश्चित कर्तव्य देना था।

2. वैदिक काल में महिलाओं की स्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
आरंभिक वैदिक काल में महिलाएँ स्वतंत्र और सम्मानजनक स्थिति में थीं। वे शिक्षा ग्रहण कर सकती थीं, वेद और मंत्र पढ़ सकती थीं और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले सकती थीं। परंतु कालांतर में उनकी स्थिति धीरे-धीरे सीमित और पुरुषों के अधीन हो गई।

3. वैदिक समाज में गृहस्थाश्रम और सामाजिक जिम्मेदारियों का महत्व बताइए।

उत्तर:
गृहस्थाश्रम विवाह और पारिवारिक जिम्मेदारियों का प्रतीक था। इसमें व्यक्ति अपने परिवार की देखभाल करता, कृषि या व्यापार करता और सामाजिक और धार्मिक कर्तव्यों का पालन करता। यह समाज में स्थिरता और संतुलन बनाए रखने में मदद करता था।

4. वैदिक समाज में शिक्षा और गुरुकुल प्रणाली का महत्व बताइए।

उत्तर:
गुरुकुल शिक्षा और संस्कार का मुख्य केंद्र थे। बच्चों को धर्म, नीति, संस्कार, युद्धकला और जीवन कौशल सिखाए जाते थे। गुरुकुल समाज में नैतिकता, अनुशासन और सांस्कृतिक परंपरा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

5. वैदिक कालीन समाज की सामाजिक और आर्थिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर:
वैदिक समाज में सामाजिक संगठन वर्ण व्यवस्था पर आधारित था। आर्थिक रूप से कृषि प्रमुख गतिविधि थी और व्यापार में वैश्य वर्ग लगे थे। सामाजिक और धार्मिक कर्तव्यों का पालन परिवार और गुरुकुल प्रणाली के माध्यम से होता था। महिलाओं का प्रारंभिक योगदान महत्वपूर्ण था। यह समाज धर्म, संस्कार और सामाजिक अनुशासन में समृद्ध था।

Conclusion – Class 12 History Notes Chapter-3

यदि आपने यह नोट्स पढ़ लिया है, तो अब आपको Class 12 History Notes Chapter-3 के वैदिक कालीन समाज के सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक पहलुओं की पूरी जानकारी समझ में आ गई होगी। यह नोट्स परीक्षा की तैयारी में सहायक है और इसे आप अपने दोस्तों और सहपाठियों के साथ भी शेयर कर सकते हैं, ताकि वे भी इस अध्याय के महत्वपूर्ण बिंदुओं को आसानी से सीख सकें।

Bihar Board Class 12 History Syllabus

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